जनतंत्र, मध्यप्रदेश, श्रुति घुरैया:
मध्यप्रदेश के सीहोर जिले में विकास कार्यों को लेकर ग्रामीणों का गुस्सा अब खुलकर सामने आने लगा है। सोमवार को जिले के इछावर विधानसभा क्षेत्र के ग्राम खेरी में ग्रामीणों ने राजस्व मंत्री करण सिंह वर्मा का काफिला रोक लिया। वजह साफ थी — चुनावी वादे के बावजूद अब तक सड़क नहीं बनी। मंत्री गांव के जल गंगा संवर्धन अभियान के समापन समारोह में जा रहे थे। रास्ते में महिलाओं समेत ग्रामीणों ने उनकी गाड़ी रोक ली। महिलाएं मंत्री की गाड़ी के सामने खड़ी हो गईं और हाथ जोड़कर बोलीं — “साहब, रोड बनवा दीजिए।” लेकिन मंत्री गाड़ी से नहीं उतरे। आखिरकार एसडीएम ने समझाइश देकर महिलाओं को पीछे हटाया।
ग्रामीणों ने खेरी से जामली रोड की दुर्दशा की शिकायत की। उनका कहना था कि इस सड़क पर कीचड़ और गड्ढे हैं, जिससे स्कूली बच्चे हों या किसान, सबकी आवाजाही मुश्किल हो गई है। पूर्व विधायक शैलेंद्र पटेल ने भी सरकार पर तंज कसते हुए कहा कि — “जामली से खेरी का 3 किलोमीटर लंबा मार्ग वर्षों से अधूरा है। सरकार की अनदेखी से जनता नाराज है। बच्चे भी इसी सड़क से स्कूल जाते हैं, लेकिन सड़क का काम अब तक शुरू नहीं हुआ।”
इधर सीहोर के आष्टा विधानसभा क्षेत्र में भी भाजपा विधायक गोपाल सिंह के खिलाफ जनता का गुस्सा फूट पड़ा। दरअसल विधायक गोपाल सिंह ने एक साल पहले भूपोड़ गांव को गोद लिया था। लेकिन गांव में कोई बड़ा विकास कार्य नहीं हुआ। अब भूपोड़ गांव के लोग आष्टा विधायक कार्यालय में जनसुनवाई में पहुंचे और जमकर नाराजगी जाहिर की। उन्होंने विधायक से दो टूक कह दिया — “अगर विकास नहीं कर सकते तो गांव को गोद से नीचे उतार दो।”
भूपोड़ गांव के ग्रामीण कचरू परमार ने बताया कि भूपोड़ से हर्राजखेड़ी तक करीब 3 किलोमीटर सड़क पूरी तरह कच्ची है। बारिश में कीचड़ और गड्ढों से रास्ता दलदल बन जाता है। यही रास्ता पास के पांच गांवों — भूपोड़, हर्राजखेड़ी, पांगरी, अरनिया और मगरखेड़ी के लिए जीवन रेखा है। लोग खेतों में इसी से जाते हैं। किसानों के लिए भी यही एकमात्र रास्ता है। 20 साल से नेता और अफसर पक्की सड़क बनाने का आश्वासन देते आ रहे हैं, लेकिन नतीजा शून्य है।
गांव वालों ने विधायक से मुरम डालने की वैकल्पिक व्यवस्था करने की भी गुहार लगाई, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई। नाराज ग्रामीणों ने चेतावनी दी — “अब हम बिस्तर लेकर विधायक कार्यालय आएंगे। यहीं दाल-बाटी बनाएंगे, खाएंगे और तब तक रुकेंगे जब तक सड़क का काम शुरू नहीं हो जाता।”
तीन दिन पहले हुई इसी जनसुनवाई का वीडियो सोमवार को सोशल मीडिया पर वायरल हो गया, जिसमें साफ दिख रहा है कि ग्रामीण विधायक से किस कदर नाराज हैं।