जनतंत्र, मध्यप्रदेश, श्रुति घुरैया:
भोपाल के बहुचर्चित रेप और ब्लैकमेलिंग केस में रोज़ नए और सनसनीखेज खुलासे हो रहे हैं। आरोपियों की करतूतें जितनी डरावनी हैं, उनकी साजिशें उतनी ही संगठित और सोची-समझी लगती हैं। अशोका गार्डन पुलिस द्वारा पकड़े गए आरोपी फरहान, अली, साहिल और नबील से पूछताछ के दौरान पता चला कि इन्होंने शहर से दूर गांवों में अपने अय्याशी और अपराध के ठिकाने बना रखे थे। मुख्य रूप से हथाईखेड़ा का क्लब 90 और सीहोर जिले के बिलकिसगंज गांव का किराए का कमरा, इनकी गतिविधियों का अड्डा बना हुआ था।
पूछताछ में सामने आया कि फरहान और अबरार अक्सर बिलकिसगंज के उस किराए के कमरे में रुकते थे, जहां एक पीड़िता के साथ दरिंदगी की पुष्टि भी हुई है। शुक्रवार रात जब पुलिस फरहान को लेकर उस कमरे की सर्चिंग और साक्ष्य जब्ती के लिए रवाना हुई, तो रास्ते में बड़ा घटनाक्रम हुआ। सरवर गांव के पास पेशाब के बहाने गाड़ी रुकवाकर फरहान ने पुलिस एसआई की पिस्टल छीनने की कोशिश की। इसी छीना-झपटी में गोली चल गई, जो सीधे उसके पैर में लगी। घायल फरहान को अस्पताल में भर्ती कराया गया है और उसकी हालत अब स्थिर बताई जा रही है।
इस पूरे केस में अबरार का किरदार भी बेहद संदिग्ध और गहरा है। पूछताछ में पता चला कि अबरार ही वह शख्स था, जिसने क्लब 90 से लेकर बिलकिसगंज तक सभी किराए के कमरे लिए थे और फरारी के दौरान भी वह बिलकिसगंज में ही छिपा था। इतना ही नहीं, आरोपियों ने अपने अड्डे जानबूझकर इंजीनियरिंग कॉलेजों के आसपास बनाए ताकि आसानी से छात्राओं को फंसा सकें। छात्राओं को “प्राइवेसी” और “क्वालिटी टाइम” का लालच देकर ये आरोपी उन्हें अपने जाल में फंसाते और फिर ब्लैकमेलिंग और यौन शोषण का शिकार बनाते।
राष्ट्रीय महिला आयोग ने इस मामले में स्वत: संज्ञान लेते हुए तीन सदस्यीय जांच टीम भोपाल भेजी है। झारखंड की रिटायर्ड डीजी निर्मला कौर के नेतृत्व में टीम होटल में ठहरी है और आज से केस की जांच शुरू कर दी है। आयोग की ये कार्रवाई बताती है कि मामला सिर्फ आपराधिक ही नहीं, बल्कि राष्ट्रीय स्तर की महिला सुरक्षा और न्याय प्रणाली की गंभीर चुनौती बन चुका है।
भोपाल पुलिस का कहना है कि आरोपी फरहान ने अब तक कई अहम राज उगले हैं और अब सारा फोकस अबरार की गिरफ्तारी पर है, जो फिलहाल फरार है। डीसीपी प्रियंका शुक्ला ने पुष्टि की कि बिलकिसगंज में अबरार और फरहान साथ में रहते थे और वहां से कई सबूत बरामद किए जा सकते हैं। पुलिस की टीम लगातार छापेमारी कर रही है।