जनतंत्र, मध्यप्रदेश, श्रुति घुरैया:
मध्यप्रदेश में वित्तीय वर्ष 2025-26 को लेकर सरकार ने महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने निर्देश दिए हैं कि विभागवार स्वीकृत बजट राशि का नियमानुसार और समुचित व्यय सुनिश्चित किया जाए। उन्होंने सभी मंत्रियों को आदेश दिया है कि वे अपने-अपने विभागों में विभागीय सचिवों और विभागाध्यक्षों के साथ बैठकें करें, ताकि बजट राशि के उचित क्रियान्वयन की रणनीति तैयार की जा सके।
मंत्रालय में कैबिनेट बैठक के पहले मंत्रियों से चर्चा करते हुए मुख्यमंत्री ने स्पष्ट किया कि जल संसाधन, लोक निर्माण, नर्मदा घाटी विकास, ऊर्जा, कृषि, नगरीय विकास एवं आवास, वन, लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी, उच्च शिक्षा, नवकरणीय ऊर्जा, ग्रामीण विकास और खाद्य विभाग को 31 मार्च तक स्वीकृत राशि के उपयोग की व्यवस्था सुनिश्चित करनी होगी।
इस वर्ष केपिटल मद में 11,317 करोड़ और रेवेन्यू मद में 7,889 करोड़ रुपए की स्वीकृति प्रदान की गई है, जिसका सटीक और प्रभावी उपयोग सरकार की प्राथमिकता होगी।
जल गंगा संवर्धन अभियान 2025: जल संरक्षण की नई मुहिम
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने मध्यप्रदेश में जल संरक्षण और संवर्धन को लेकर एक व्यापक अभियान की घोषणा की है। गुड़ी पड़वा (30 मार्च) से 30 जून तक चलने वाले “जल गंगा संवर्धन अभियान-2025” के तहत जल स्रोतों के पुनर्जीवन और संरक्षण के कार्य किए जाएंगे।
🔹 जलाशयों की सफाई होगी
🔹 नदियों और तालाबों का संरक्षण किया जाएगा
🔹 जल संरचनाओं के किनारे वृहद पैमाने पर पौधरोपण होगा
पिछले वर्ष इस अभियान के तहत:
- 38,000 से अधिक कार्य पूरे किए गए, जिसकी लागत 1,000 करोड़ रुपए रही।
- 300 करोड़ रुपए की लागत से 21,000 से अधिक जल संरचनाओं का जीर्णोद्धार किया गया।
- 6.40 लाख घन मीटर गाद निकाली गई, जिससे जल संचयन में जबरदस्त सुधार हुआ।
- 30 लाख घन मीटर जल क्षमता वृद्धि का लक्ष्य हासिल किया गया।
इस बार भी पंचायत एवं ग्रामीण विकास, नगरीय विकास एवं आवास, जल संसाधन, नर्मदा घाटी विकास, पर्यावरण, वन, संस्कृति और कृषि विभाग की अहम भूमिका रहेगी। मुख्यमंत्री ने सभी मंत्रियों को अपने प्रभार वाले जिलों में इस अभियान की सतत समीक्षा करने के निर्देश दिए हैं।
गेहूं उपार्जन में किसानों को राहत, 175 रुपये बोनस
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने जानकारी दी कि 15 मार्च से प्रदेश में गेहूं का उपार्जन प्रारंभ हो चुका है और किसानों को इसका लाभ मिल रहा है।
- अब तक 10 लाख से अधिक किसानों ने पंजीयन कराया है।
- 2691 उपार्जन केंद्र स्थापित किए गए हैं।
- अब तक 1827 मीट्रिक टन गेहूं खरीदा जा चुका है।
- सरकार प्रति क्विंटल 175 रुपए का बोनस दे रही है।
मुख्यमंत्री ने मंत्रियों को निर्देश दिया है कि वे अपने जिलों में उपार्जन प्रक्रिया की लगातार समीक्षा करें और यह सुनिश्चित करें कि किसानों को किसी प्रकार की समस्या न हो।