जनतंत्र, मध्यप्रदेश, श्रुति घुरैया:
भोपाल की सेंट्रल जेल में बंद करोड़ों के मनी लॉन्ड्रिंग केस में गिरफ्तार आरटीओ का पूर्व कॉन्स्टेबल सौरभ शर्मा और उसके दो साथी चेतन सिंह गौर व शरद जायसवाल अब ऐसे हालात में जी रहे हैं जहां एक-एक दिन पहाड़ सा लग रहा है। 4 फरवरी को जेल भेजे गए इन तीनों ने अब तक 75 दिन ज्यूडिशियल कस्टडी में गुजार दिए हैं। इनकी गिरफ्तारी के बाद न सिर्फ ईडी की कार्रवाई ने हलचल मचा दी थी, बल्कि जेल के भीतर इनकी जिंदगी भी धीरे-धीरे खुलते राज़ की तरह सामने आ रही है।
तीनों आरोपियों को आपस में बातचीत करने की अनुमति नहीं है, साथ रहने की भी मनाही है। इन पर ‘कुख्यात कैदी’ जैसी निगरानी लागू है। जेल प्रशासन ने इनके साथ ऐसे दो-दो कैदी नियुक्त किए हैं, जो हर 12 घंटे में इनकी हर गतिविधि की रिपोर्ट अफसरों तक पहुंचाते हैं। इस निगरानी को “जेल की भाषा” में ‘निगरानी खोलना’ कहा जाता है — मतलब चौबीसों घंटे नजर।
इन तीनों को जेल की बिल्डिंग सेंटर में अलग-अलग बैरकों में रखा गया है। बैरक में 29-30 अन्य कैदी भी हैं, जिनमें कुछ जेल प्रशासन के विश्वसनीय मुखबिर कैदी भी शामिल हैं, जो पल-पल की जानकारी गुपचुप तरीके से अफसरों को देते हैं। जेल में इन्हें घूमने फिरने का एक सीमित दायरा तय किया गया है, और खास बात ये है कि इन्हें जेल की लाइब्रेरी में जाने या अखबार-पुस्तकें पढ़ने की भी अनुमति नहीं है।
जेल की गर्मी और तनहाई ने तीनों को अंदर से तोड़ना शुरू कर दिया है। सौरभ और शरद रात का खाना या तो छोड़ देते हैं या नाममात्र खाते हैं, वहीं चेतन थोड़ा संतुलन बनाए हुए है। शरद को बीपी और स्किन संबंधी बीमारियों ने परेशान कर रखा है, लेकिन इलाज की सुविधा सीमित है।
सौरभ शर्मा ने कई बार अपने दोनों साथियों से मिलने की अनुमति मांगी थी, जो पांच प्रयासों के बाद सिर्फ एक बार दी गई। तीनों को जेलर के कमरे में बैठाकर करीब एक घंटे की मुलाकात कराई गई।
बता दें, सौरभ पर ईडी और लोकायुक्त दोनों ने शिकंजा कसा हुआ है। जहां लोकायुक्त केस में उसे 62 दिन बाद विशेष कोर्ट से जमानत मिल चुकी है, वहीं ईडी ने हाल ही में उनके खिलाफ 100.36 करोड़ की संपत्तियों को जब्त करने का दावा किया है। ईडी की चार्जशीट में 52 किलो सोना, 11 करोड़ कैश और जयपुरिया स्कूल की निर्माणाधीन बिल्डिंग से मिला करोड़ों का माल भी दर्ज है। सौरभ की मां, पत्नी, जीजा और साले को पहले ही जमानत मिल चुकी है, लेकिन सौरभ और उसके दो साथी अभी भी जेल में हैं। अब अगली पेशी 5 मई को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए होगी। इस बीच कोर्ट ने सभी आरोपियों के पासपोर्ट जब्त करने का आदेश भी दे दिया है, जिससे कोई देश छोड़कर फरार न हो सके।