जनतंत्र, मध्यप्रदेश, श्रुति घुरैया:
ग्वालियर के पूर्व आरटीओ कांस्टेबल सौरभ शर्मा की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं। लोकायुक्त, ईडी और आयकर विभाग की जांच के बाद अब परिवहन विभाग ने भी सौरभ पर शिकंजा कसने की तैयारी कर ली है। इस बार मामला उसकी अनुकंपा नियुक्ति में किए गए झूठे दावे से जुड़ा है।
झूठे शपथपत्र से सरकारी नौकरी!
साल 2017 में परिवहन विभाग में नौकरी पाने के लिए सौरभ ने अपने बड़े भाई सचिन शर्मा की सरकारी नौकरी की जानकारी छुपाई थी। आरटीआई एक्टिविस्ट संकेत साहू ने जब यह मामला उजागर किया, तो परिवहन विभाग हरकत में आ गया। विभागीय जांच के बाद अब ग्वालियर पुलिस को शिकायत भेजने की तैयारी हो रही है।
सूत्रों के अनुसार, भोपाल से हरी झंडी मिल चुकी है और जल्द ही सौरभ और उसकी मां उमा शर्मा के खिलाफ केस दर्ज किया जा सकता है।
ईडी का छापा और 11 करोड़ कैश!
सौरभ शर्मा दिसंबर 2024 में सुर्खियों में आया, जब ईडी, लोकायुक्त और आयकर विभाग ने उसके ठिकानों पर छापेमारी की थी। इस दौरान भोपाल के मेंडोरी इलाके में एक इनोवा कार से 11 करोड़ रुपये नकद और 52 किलो सोना बरामद हुआ था। जांच एजेंसियों को शक है कि इस काले धन का लिंक सौरभ शर्मा से जुड़ा हुआ है, हालांकि उसने अब तक इसे स्वीकार नहीं किया है।
ग्वालियर में करोड़ों की संपत्ति का राज
जांच में खुलासा हुआ कि सौरभ की मां उमा शर्मा ने हाल ही में हाईवे पर करोड़ों की जमीन बेची थी। इसके अलावा, सिटी सेंटर में उसके नाम पर कई संपत्तियां पाई गईं, जिनमें व्यवसायिक बिल्डिंग, थंब, टीबीआर और हैश टैग पब शामिल हैं।
ग्वालियर में नई जांच, जल्द होगी गिरफ्तारी?
परिवहन विभाग के अधिकारी अब सौरभ की नियुक्ति को लेकर ग्वालियर पुलिस में शिकायत दर्ज करने की प्रक्रिया में हैं। संकेत साहू ने इस पूरे मामले की गहन जांच और एफआईआर की मांग की है। यदि यह केस दर्ज होता है, तो सौरभ शर्मा और उसकी मां पर गिरफ्तारी की तलवार लटक सकती है।
अब देखना यह होगा कि क्या सौरभ शर्मा इस नई जांच से बच पाएगा, या ग्वालियर पुलिस की कार्रवाई उसकी मुश्किलें और बढ़ा देगी?