जनतंत्र, मध्यप्रदेश, श्रुति घुरैया:
उत्तर प्रदेश के गोंडा जिले से एक बेहद दर्दनाक और दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है। रविवार सुबह मोतीगंज थाना क्षेत्र के सीहागांव-खरगूपुर मार्ग पर एक तेज रफ्तार बोलेरो बेकाबू होकर सरयू नहर में जा गिरी। इस हादसे में 11 लोगों की मौके पर ही मौत हो गई, जिनमें से अधिकतर एक ही परिवार के सदस्य थे। बोलेरो में कुल 15 लोग सवार थे और सभी लोग जल चढ़ाने के लिए प्रसिद्ध पृथ्वीनाथ मंदिर जा रहे थे।
प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक, बोलेरो की रफ्तार करीब 60 किमी प्रति घंटा थी और बारिश के कारण सड़क फिसलनभरी हो गई थी। अचानक नियंत्रण खोने से बोलेरो सीधे नहर में जा गिरी। हादसा इतना भयावह था कि पानी में गिरते ही बोलेरो के सभी दरवाजे लॉक हो गए और चंद सेकंडों में पूरा वाहन पानी से भर गया। अंदर बैठे लोग छटपटाते रह गए, लेकिन बाहर निकलने का कोई रास्ता नहीं था। उनकी तड़प-तड़पकर दर्दनाक मौत हो गई।
स्थानीय ग्रामीणों ने साहस दिखाते हुए नहर में कूदकर बचाव कार्य शुरू किया। खिड़की का शीशा तोड़कर चार लोगों को किसी तरह जिंदा बाहर निकाला गया। लेकिन बोलेरो में फंसे 11 लोगों की जान नहीं बचाई जा सकी। हादसे के बाद मौके पर पहुंची पुलिस और स्थानीय प्रशासन ने रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू किया। करीब 10 मिनट के भीतर पुलिस वहां पहुंच गई और नहर में फंसी गाड़ी को निकालने की कोशिशें शुरू की गईं।
मृतकों की पहचान बीना (35), काजल (22), महक (12), दुर्गेश, नंदिनी, अंकित, शुभ, संजू वर्मा, अंजू, अनसुइया और सौम्या के रूप में हुई है। इन 11 मृतकों में 6 महिलाएं, 2 पुरुष और 3 बच्चे शामिल हैं। ये सभी लोग मोतीगंज थाना क्षेत्र के सिहा गांव के निवासी थे। बोलेरो सवार परिवार गांव के ही मेवालाल इंटर कॉलेज के प्रबंधक प्रह्लाद कसौधन के थे, जो अपने रिश्तेदारों के साथ दर्शन के लिए निकले थे।
हादसे में बची एक किशोरी ने रोते हुए बताया, “हम सब भजन गा रहे थे, तभी अचानक गाड़ी फिसल गई और सीधे नहर में जा गिरी। इसके बाद क्या हुआ, कुछ याद नहीं। सब कुछ धुंधला हो गया।” किशोरी के इस बयान ने हादसे की भयावहता को और भी मार्मिक बना दिया है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस हादसे पर गहरा शोक जताया है और मृतकों के परिजनों को 5-5 लाख रुपये की आर्थिक सहायता देने की घोषणा की है। साथ ही अफसरों को तुरंत मौके पर पहुंचने और रेस्क्यू ऑपरेशन में तेजी लाने के निर्देश दिए हैं।