6 साल के शिवाय का 14 घंटे बाद रेस्क्यू: मिर्ची झोंककर किया था किडनैप, पुलिस की घेराबंदी से घबराकर बदमाश भागे; CM मोहन यादव ने खुद ली थी रिपोर्ट

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जनतंत्र, मध्यप्रदेश, श्रुति घुरैया:

ग्वालियर में गुरुवार सुबह जो हुआ, वह किसी सस्पेंस थ्रिलर से कम नहीं था! सुबह 8 बजे जब 6 साल का मासूम शिवाय अपनी मां के साथ स्कूल बस पकड़ने निकला, तब कोई नहीं जानता था कि अगले ही पल उनकी दुनिया हिलने वाली है। अचानक, बाइक पर आए दो नकाबपोश बदमाशों ने मिर्ची झोंककर शिवाय की मां को अंधा कर दिया और बिजली की तेजी से मासूम को उठाकर फरार हो गए!

मां चीखती रही, लोग इकट्ठा होते रहे, लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी थी! ग्वालियर पुलिस को जैसे ही खबर मिली, चप्पे-चप्पे पर नाकाबंदी कर दी गई। पुलिस की 14 घंटे की सख्त घेराबंदी ने आखिरकार अपहरणकर्ताओं के इरादों को तोड़ दिया।

जानकारी के लिए बता दें, शिवाय के अपहरण की खबर मिलते ही पुलिस ने तुरंत एक्शन लिया। उन्होंने जिले की सीमाओं पर नाकाबंदी कर दी। इस बीच, बदमाश हाईवे से शनिचरा का शॉर्टकट लेकर मुरैना पहुंच गए थे। सुबह 8:10 से लेकर रात 10:10 तक करीब 14 घंटे तक घेराबंदी के बाद भी बदमाश मुरैना से बाहर नहीं निकल पाए। आखिरकार, खुद को घिरा देख बदमाश मुरैना के कांजी बसई गांव के एक ईंट भट्‌टे के पास शिवाय को छोड़कर भाग गए। वहाँ से गुजर रहे एक ई-रिक्शा वाले ने रोते हुए शिवाय को पहचाना और तुरंत गांव के सरपंच को सौंप दिया। फिर वीडियो कॉल पर मां-पिता से बात कराई गई और रात 10 बजे पुलिस टीम मासूम शिवाय को लेकर ग्वालियर पहुंची। पुलिस के मुताबिक, फिलहाल ये पता नहीं चल सका है कि अपहरणकर्ता कौन थे और वारदात के पीछे क्या मकसद था?

बता दें, जैसे ही शिवाय के अपहरण की खबर मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव को लगी, उन्होंने तुरंत डीजी पुलिस और एडीजी इंटेलिजेंस को तत्काल आवास बुलाकर पुलिस की कार्रवाई पर विस्तृत जानकारी ली। साथ ही यह स्पष्ट कर दिया था कि बच्चे को खरोंच भी आई तो अपराधियों को बख्शा नहीं जाएगा।

वहीं, अब शिवाय के मिलने के बाद मुख्यमंत्री ने कहा, “मुझे यह बताते हुए संतोष है कि अपहरण हुआ ग्वालियर निवासी सात वर्षीय बालक शिवाय गुप्ता, मुरैना में सकुशल मिल गया है। अपहरण की घटना की जानकारी मिलते ही मैंने डीजी पुलिस और एडीजी इंटेलिजेंस को तत्काल आवास बुलाकर पुलिस की कार्रवाई पर विस्तृत जानकारी ली। साथ ही यह स्पष्ट कर दिया था कि बच्चे को खरोंच भी आई तो अपराधियों को बख्शा नहीं जाएगा। पुलिस द्वारा तत्परता से त्वरित कार्रवाई और सघन अभियान चलाकर अपराधियों से बालक को छोड़ने पर मजबूर करने के लिए पुलिस की टीम बधाई की पात्र है। ऐसी घटना को अंजाम देने वाले अपराधियों पर सख्त से सख्त कार्रवाई के निर्देश भी दिए हैं। मध्य प्रदेश में किसी भी अपराधी के लिए कोई जगह नहीं है।”

लेकिन इन 14 घंटों में शिवाय ने क्या सहा?

शिवाय ने खुद बताया— “बाइक वाले अंकल मुझे एक खेत में ले गए। एक दूसरे अंकल के पास रखा। उन्होंने मुझे रस्सी से बांध दिया। मुझे बिस्किट और चॉकलेट खाने को दिए, लेकिन मैंने नहीं खाए। मैंने मम्मी के पास जाने की जिद की, तो बदमाश बोले— तेरे पापा से पहले पैसे लेंगे! जिसके बाद रात होने पर मुझे एक खेत के पास छोड़कर चले गए। मुझसे कहा कि कुछ दूर चलेगा तो तेरा घर आ जाएगा। कुछ दूर चलने के बाद घर नहीं आया तो मैं रोने लगा। फिर वो गांव वाले अंकल आ गए थे।”

शिवाय के मिलने के बाद अब पुलिस इस बात की जांच कर रही है कि कहीं कारोबारी राहुल गुप्ता की किसी से दुश्मनी तो नहीं थी? क्या किसी कर्मचारी ने बदला लेने की साजिश रची? या फिरौती के लिए हुआ यह अपराध किसी बड़े गिरोह का हिस्सा था? पुलिस इन सभी एंगल्स पर काम कर रही है, लेकिन एक बात तय है— शिवाय की बहादुरी और पुलिस की मुस्तैदी ने इस डरावने हादसे का सुखद अंत कर दिया।

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