जनतंत्र, मध्यप्रदेश, श्रुति घुरैया:
पुरी ज़िले के बायाबर गांव से एक रूह कंपा देने वाली घटना सामने आई है। शनिवार को एक 15 साल की नाबालिग को बाइक सवार तीन युवकों ने बीच रास्ते से उठाया, भार्गवी नदी के किनारे ले गए, उस पर पेट्रोल छिड़का और जला दिया। 70 फीसदी तक झुलसी नाबालिग जिंदगी और मौत से जूझ रही है — पहले भुवनेश्वर AIIMS में उसका इलाज हुआ और अब उसे एयरलिफ्ट कर दिल्ली AIIMS लाया जा रहा है।
AIIMS भुवनेश्वर के एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर डॉ. आशुतोष बिस्वास ने बताया कि पीड़िता ICU में ऑक्सीजन सपोर्ट पर है, लेकिन होश में है और बात कर पा रही है। उसकी देखभाल 14 डॉक्टरों की टीम कर रही है। पीड़िता का बयान मजिस्ट्रेट की मौजूदगी में दर्ज किया गया है, जिसमें कई अहम सुराग मिलने की उम्मीद है।
घटना के चश्मदीद श्याम सेनापति ने बताया कि जब बच्ची आग में लिपटी हुई उनके घर की तरफ भागी, तो उनके परिवार ने पानी डालकर आग बुझाई, कपड़े बदले और फौरन अस्पताल पहुंचाया। ये घटना बच्ची के घर से सिर्फ डेढ़ किलोमीटर दूर हुई, लेकिन इतनी दरिंदगी क्यों की गई — इसका जवाब अभी भी अधूरा है। पुलिस की चार टीमें आरोपियों की तलाश में जुटी हुई हैं।
यह घटना एक बड़े सवाल की तरह खड़ी हो गई है — क्या ओडिशा में बेटियां अब सुरक्षित नहीं हैं? पूर्व मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने तीखी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि राज्य में अपराधी अब बेखौफ हो चुके हैं। उन्होंने कहा, “एक हफ्ते पहले ही एक छात्रा ने न्याय न मिलने के कारण आत्मदाह कर लिया था और अब दिनदहाड़े एक मासूम को आग के हवाले कर दिया गया — ये डरावना है। क्या सरकार अब भी सोई रहेगी?”
TMC ने भी इस मामले को लेकर केंद्र सरकार पर निशाना साधा और पूछा — “बेटी बचाओ का नारा अब कहां गया?” विपक्षी पार्टियों ने इस घटना को ‘क्रिमिनल नेग्लिजेंस’ यानी आपराधिक लापरवाही करार दिया है।
यह पहली घटना नहीं है — कुछ ही दिन पहले फकीर मोहन कॉलेज की एक छात्रा ने अपने HoD द्वारा यौन शोषण से परेशान होकर खुद को केरोसीन डालकर जला लिया था। छात्रा 95% तक जल चुकी थी और आखिरकार इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई। आरोपी HoD और कॉलेज प्रिंसिपल को गिरफ्तार कर लिया गया, लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी थी।
इस घटना के विरोध में 17 जुलाई को ओडिशा बंद बुलाया गया, जिसमें कांग्रेस सहित आठ प्रमुख पार्टियां शामिल हुईं। प्रदर्शनकारियों ने ट्रेनें रोकीं, सड़कों पर टायर जलाए, बसों का चक्काजाम किया और कई जिलों में जन आक्रोश खुलकर सामने आया।