मध्यप्रदेश में मानसूनी बारिश का कहर – पांच दिनों में पूरा प्रदेश भीगा, 17 जिलों में भारी बारिश का अलर्ट!

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जनतंत्र, मध्यप्रदेश, श्रुति घुरैया:

मध्यप्रदेश इस समय तेज़ और लगातार हो रही मानसूनी बारिश की चपेट में है। राजधानी भोपाल समेत प्रदेश के कई ज़िले रविवार सुबह से ही बारिश से तरबतर हैं। शहरों की गलियों में पानी भर गया है, खेतों में उमंग लौट आई है और तापमान में गिरावट ने मौसम को सुहावना बना दिया है। लेकिन इसके साथ ही प्रशासनिक सतर्कता भी जरूरी हो गई है, क्योंकि ग्वालियर-चंबल और सागर-रीवा संभागों के 17 जिलों में भारी से अति भारी बारिश का अलर्ट जारी किया गया है।

मौसम विभाग ने रविवार के लिए ग्वालियर, मुरैना, श्योपुर, शिवपुरी और पन्ना में अति भारी बारिश का ऑरेंज अलर्ट जारी किया है। इन जिलों में 24 घंटे के भीतर 8 इंच तक पानी गिरने की संभावना है। वहीं भिंड, दतिया, गुना, अशोकनगर, निवाड़ी, टीकमगढ़, छतरपुर, सागर, दमोह, सतना, रीवा और मऊगंज में भारी बारिश की चेतावनी दी गई है। भोपाल, इंदौर, उज्जैन और जबलपुर में भी गरज-चमक और तेज़ हवाओं के साथ बारिश जारी रहेगी।

वहीं, पिछले 24 घंटों में प्रदेश के 20 से अधिक जिलों में आंधी और बारिश का जोरदार दौर जारी रहा। टीकमगढ़ में रिकॉर्डतोड़ 8.6 इंच बारिश दर्ज की गई, जिसने लोगों को चौंका दिया। वहीं सतना में 3.1 इंच, दमोह में 2.5 इंच, सीधी में 2.1 इंच, रतलाम में 1.5 इंच, गुना में 1.1 इंच और जबलपुर में 1 इंच से ज्यादा बारिश हुई। इन आंकड़ों से साफ है कि प्रदेश के लगभग हर हिस्से में मानसून ने पूरी ताकत के साथ दस्तक दी है।

बता दें, प्रदेश में जारी इस बारिश के पीछे कई मौसमीय सिस्टम सक्रिय हैं। सबसे पहले, प्रदेश के ऊपर से एक लो प्रेशर एरिया गुजर रहा है, जो भारी बारिश की मुख्य वजह बना है। इसके अलावा पश्चिमी मध्यप्रदेश में टर्फ लाइन की सक्रियता भी बनी हुई है। यही नहीं, एक साइक्लोनिक सर्कुलेशन और टर्फ लाइन पूरे प्रदेश को प्रभावित कर रही है, जिससे उत्तर, पूर्वी और मध्य भागों में कहीं तेज़ तो कहीं हल्की बारिश हो रही है। इन सभी सिस्टमों की ताकत इस समय अपने चरम पर है।

5 दिन में पूरे प्रदेश में पहुंचा मानसून, तय तारीख 15 जून

हालांकि इस बार देश में मानसून 8 दिन पहले ही दस्तक दे चुका था, लेकिन मध्यप्रदेश में इसकी एंट्री तय समय से 1 दिन लेट यानी 16 जून को हुई। इसकी मुख्य वजह यह रही कि महाराष्ट्र और छत्तीसगढ़ में मानसून 15 दिन तक ठहर गया था, जिससे एमपी में वह समय पर नहीं पहुंच सका। लेकिन 13-14 जून को जैसे ही सिस्टम ने गति पकड़ी, मानसून ने अगले 3 दिनों में ही प्रदेश के 53 जिलों को कवर कर लिया। इसके बाद शुक्रवार को भिंड और मऊगंज में भी मानसून पहुंच गया और पूरे प्रदेश को भीगो गया।

यह भी उल्लेखनीय है कि मध्यप्रदेश में मानसून की सामान्य एंट्री डेट 15 जून होती है। पिछले साल यह 21 जून को आया था, लेकिन इस बार यह सिर्फ 1 दिन की देरी से आकर रिकॉर्ड रफ्तार से पूरे प्रदेश में फैल गया।

 

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