जनतंत्र, मध्यप्रदेश, श्रुति घुरैया:
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने भिंड जिले के लहार क्षेत्र को बड़ी सौगात देते हुए इसे नया औद्योगिक केंद्र बनाने की घोषणा की। उन्होंने शुक्रवार को लहार में आयोजित महिला स्व-सहायता समूह सम्मेलन के मंच से यह ऐलान किया। इसके साथ ही मछण्ड और असवार क्षेत्र को नगर परिषद का दर्जा देने की घोषणा की गई। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार उद्योगों के माध्यम से युवाओं को रोजगार से जोड़ने की दिशा में गंभीर प्रयास कर रही है। वहीं दूसरी ओर किसानों की आय बढ़ाने के लिए कृषि आधारित उद्योगों को प्राथमिकता दी जा रही है। किसानों को उनकी उपज का उचित मूल्य दिलाने और फसलों को बर्बाद होने से बचाने के लिए प्रदेश भर में कृषि से जुड़े लघु और मध्यम उद्योग स्थापित किए जा रहे हैं।
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने भिंड के युवाओं की वीरता और देश सेवा को नमन करते हुए कहा कि यह धरती पराक्रम की मिसाल है। भिंड के घर-घर से जवान देश की सीमाओं की रक्षा में तैनात हैं। उन्होंने चंबल की धरती के वीर सपूतों की बहादुरी की सराहना करते हुए कहा कि इस क्षेत्र का अतीत महाभारत काल से जुड़ा हुआ है। माना जाता है कि लहार क्षेत्र में ही पांडवों के खिलाफ षड्यंत्र के तहत लाक्षागृह का निर्माण हुआ था। उन्होंने कहा कि अब वह समय बीत चुका है जब चंबल को दस्यु प्रभावित क्षेत्र के रूप में जाना जाता था। आज भिंड विकास की राह पर है और यहां की जनता ने परिवर्तन का मार्ग चुना है।
मुख्यमंत्री ने ऐतिहासिक निर्णय लेते हुए भिंड जिले के आलमपुर कॉलेज का नामकरण लोकमाता देवी अहिल्याबाई होलकर के नाम पर करने की घोषणा की। उन्होंने बताया कि इस वर्ष देवी अहिल्याबाई की 300वीं जयंती मनाई जा रही है, और यह निर्णय उनके योगदान को श्रद्धांजलि देने का एक प्रयास है। विकास की रफ्तार को आगे बढ़ाते हुए मुख्यमंत्री ने 117 करोड़ रुपये से अधिक लागत के 33 विकास कार्यों का भूमिपूजन और 17 कार्यों का लोकार्पण किया। उन्होंने यह भी बताया कि मध्यप्रदेश में सिंचित भूमि का क्षेत्रफल फिलहाल 55 लाख हेक्टेयर है, जिसे निकट भविष्य में 100 लाख हेक्टेयर तक ले जाने का लक्ष्य रखा गया है।
मुख्यमंत्री ने नदी जोड़ो परियोजना के अंतर्गत पार्वती-कालीसिंध-चंबल परियोजना का जिक्र करते हुए बताया कि यह योजना लगभग 40 वर्षों बाद मंजूर हुई है और इसकी लागत लगभग 70 हजार करोड़ रुपये है। इसके अलावा केन-बेतवा लिंक परियोजना, जो पूर्व प्रधानमंत्री श्री अटल बिहारी वाजपेयी के सपने का हिस्सा थी, अब केंद्र सरकार के सहयोग से साकार हो रही है और इससे बुंदेलखंड क्षेत्र को व्यापक लाभ मिलेगा।
उन्होंने किसानों के हित में चल रही योजनाओं की जानकारी देते हुए बताया कि प्रदेश सरकार 5 रुपये में स्थायी बिजली कनेक्शन दे रही है, वहीं 30 लाख सोलर पंप उपलब्ध कराने की योजना पर कार्य हो रहा है। किसानों को मात्र 10 प्रतिशत कीमत पर सोलर पंप दिए जा रहे हैं। साथ ही प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि और लाड़ली बहना योजना के माध्यम से भी आर्थिक सहायता प्रदान की जा रही है।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने सामाजिक सरोकारों की दिशा में लिए गए फैसलों का उल्लेख करते हुए कहा कि ‘राहवीर योजना’ के अंतर्गत अब सड़क हादसों में घायल व्यक्ति को अस्पताल पहुंचाने वाले को 25 हजार रुपये की प्रोत्साहन राशि दी जाएगी। साथ ही गंभीर बीमारियों के मरीजों को एयर एम्बुलेंस की सुविधा दी जा रही है। यदि किसी गरीब परिवार के सदस्य की अस्पताल में मृत्यु हो जाती है तो पार्थिव शरीर को घर तक पहुंचाने के लिए नि:शुल्क शव वाहन की व्यवस्था भी की गई है।
कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने विभिन्न हितग्राहीमूलक योजनाओं के अंतर्गत लाभ वितरण भी किया और लहार की जनता को कई विकास कार्यों की सौगात दी। इस अवसर पर नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा मंत्री राकेश शुक्ला, सांसद संध्या राय, लहार विधायक अमरीश शर्मा, विधायक नरेंद्र सिंह कुशवाहा, पूर्व मंत्री लाल सिंह आर्य और पूर्व मंत्री ओपीएस भदौरिया सहित कई जनप्रतिनिधि मौजूद रहे।