25 फीट गहरी कुइया में गिरे बुजुर्ग, जिंदगी-मौत के बीच 10 घंटे तक करते रहे संघर्ष; प्रशासन की सूझबूझ ने बचाई जान!

You are currently viewing 25 फीट गहरी कुइया में गिरे बुजुर्ग, जिंदगी-मौत के बीच 10 घंटे तक करते रहे संघर्ष; प्रशासन की सूझबूझ ने बचाई जान!

जनतंत्र, मध्यप्रदेश, श्रुति घुरैया:

मध्यप्रदेश के मऊगंज जिले में शुक्रवार को एक ऐसी घटना सामने आई, जिसने पूरे इलाके की सांसें थाम दीं। शाहपुर थाना क्षेत्र के खटखरी गांव में 75 वर्षीय बुजुर्ग रामगोपाल कुशवाहा अचानक अपने ही खेत के पास एक 25 फीट गहरी, संकरी और सूखी कुइया में गिर गए। जब तक किसी को कुछ समझ आता, तब तक वे कुइया में बुरी तरह फंसे हुए थे। उनके परिजन जब काफी देर तक उन्हें घर पर नहीं देख पाए, तो ढूंढते-ढूंढते कुइया तक पहुंचे और वो नज़ारा देखा जिसने सभी को हिलाकर रख दिया।

शुरुआत में गांववालों और परिजनों ने अपने स्तर पर उन्हें निकालने की पूरी कोशिश की, लेकिन कुइया इतनी संकरी थी कि कोई अंदर नहीं जा पा रहा था। जब हालात बिगड़ते दिखे, तो प्रशासन और पुलिस को सूचना दी गई। कुछ ही देर में कलेक्टर संजय कुमार जैन, एसपी दिलीप कुमार सोनी, एएसपी विक्रम सिंह समेत जिले का पूरा प्रशासनिक अमला मौके पर पहुंच गया।

फिर शुरू हुआ एक 6 घंटे लंबा रेस्क्यू ऑपरेशन, जिसने वहां मौजूद हर व्यक्ति की धड़कनों को रोक दिया। सबसे पहले एसडीईआरएफ की टीम को बुलाया गया। कुइया में पहले सीधे रस्सी से उतरने की कोशिश की गई, लेकिन सफलता नहीं मिली। इसके बाद जेसीबी से कुइया के समानांतर गड्ढा खोदने का निर्णय लिया गया, लेकिन मिट्टी की प्रकृति और संकरे रास्ते ने उसमें भी बाधा खड़ी कर दी।

इसी बीच एक और चौंकाने वाला मोड़ सामने आया। जब विशेषज्ञों ने गैस डिटेक्शन उपकरण से कुइया का परीक्षण किया, तो उसमें मीथेन गैस होने की पुष्टि हुई, जो अत्यंत ज्वलनशील और जानलेवा हो सकती थी। इस खतरे को देखते हुए रेस्क्यू को तुरंत रोका गया। मीथेन गैस को निष्क्रिय करने के लिए उसमें ऑक्सीजन गैस डाली गई, ताकि अंदर जाने लायक स्थिति बनाई जा सके।

जब ऑक्सीजन लेवल सामान्य हुआ, तब एसडीईआरएफ के जवानों ने पूरी सुरक्षा और सूझबूझ के साथ रस्सियों की मदद से कुइया में उतरकर बुजुर्ग को बाहर निकाला। वहां मौजूद ग्रामीणों और परिजनों की आंखें उस समय भर आईं, जब रामगोपाल कुशवाहा को 10 घंटे बाद सुरक्षित बाहर लाया गया।

रेस्क्यू के दौरान गांव के लोग और परिजन लगातार बुजुर्ग से संवाद बनाए रहे। उनकी आवाज सुनकर रामगोपाल जी में हौसला बना रहा। बाहर निकालने के बाद उन्हें हनुमना के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में प्राथमिक उपचार के लिए भर्ती कराया गया, जहां उनकी हालत स्थिर बताई जा रही है।

Leave a Reply