जनतंत्र, मध्यप्रदेश, श्रुति घुरैया:
भारत की सेना ने पहलगाम में हुए आतंकी हमले के जवाब में पाकिस्तान स्थित नौ आतंकी ठिकानों पर मिसाइल स्ट्राइक कर एक बड़ा संदेश दिया है – आतंक के खिलाफ अब चुप्पी नहीं, जवाब दिया जाएगा। इस सैन्य कार्रवाई से जहां देशभर में जश्न का माहौल है और आम नागरिक से लेकर विशेषज्ञ तक भारत सरकार और सेना के इस कदम की तारीफ कर रहे हैं, वहीं कुछ पाकिस्तानी कलाकारों ने इसे ‘कायरता’ कहकर विवाद खड़ा कर दिया है।
पाकिस्तानी एक्ट्रेस माहिरा खान और एक्टर फवाद खान के भारत विरोधी बयानों पर अब भारतीय फिल्म उद्योग की सबसे बड़ी संस्था ऑल इंडिया सिने वर्कर्स एसोसिएशन (AICWA) ने कड़ा रुख अपनाया है। AICWA ने एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर एक आधिकारिक बयान जारी करते हुए माहिरा और फवाद की टिप्पणियों को न केवल देश का अपमान बताया है, बल्कि देश की रक्षा में शहीद हुए जवानों की शहादत का अपमान भी करार दिया है।
AICWA ने बयान में साफ किया कि पाकिस्तानी कलाकारों द्वारा भारतीय सेना की कार्रवाई को “कायरता” कहना बेहद शर्मनाक और निंदनीय है। माहिरा खान के बयान को गैरजिम्मेदाराना बताया गया, जबकि फवाद खान द्वारा भारत पर लगाए गए आरोपों को भड़काऊ और आतंकवाद के समर्थन जैसा करार दिया गया है।
AICWA ने लिखा, “ये बयान न सिर्फ हमारे देश का अपमान हैं, बल्कि आतंकवाद के कारण जान गंवाने वाले मासूमों और देश की रक्षा में जान देने वाले बहादुर सैनिकों की कुर्बानी का भी अपमान हैं। हम एक बार फिर दोहराते हैं कि भारतीय फिल्म इंडस्ट्री में पाकिस्तानी कलाकारों, फिल्मकारों और निवेशकों पर पूरी तरह से प्रतिबंध जारी रहेगा। किसी भी भारतीय कलाकार को अब न ही उनके साथ काम करना चाहिए और न ही किसी मंच पर उन्हें स्थान देना चाहिए।”
संस्था ने इसके साथ ही उन भारतीय म्यूजिक कंपनियों और कलाकारों की भी आलोचना की जो अब भी पाकिस्तानी गायकों और कलाकारों को काम दे रहे हैं या विदेशों में उनके साथ मंच शेयर कर रहे हैं। AICWA ने कहा कि यह देश की भावनाओं की पूरी तरह अनदेखी है और ये कंपनियां अपनी जिम्मेदारी से मुंह नहीं मोड़ सकतीं।
बयान में फिल्म ‘अबीर गुलाल’ के निर्माताओं पर भी निशाना साधा गया, जिन्होंने पुलवामा हमले के बावजूद फवाद खान को अपनी फिल्म में कास्ट किया और उसे भारत में प्रमोट भी किया। AICWA ने पूछा कि क्या इन निर्माताओं के लिए देश से बढ़कर कोई चीज है? और क्या वे सच में इस संदेश को आगे बढ़ाना चाहते हैं कि जो लोग भारत के खिलाफ बोलते हैं, वे यहां फिल्मों में जगह पा सकते हैं?
AICWA ने फिल्म इंडस्ट्री से जुड़े सभी लोगों – चाहे वे बॉलीवुड में हों या क्षेत्रीय सिनेमा में – से अपील की है कि वे इस प्रतिबंध का सम्मान करें और एकजुट होकर देशहित को सर्वोपरि रखें। संस्था ने कहा कि अब वक्त आ गया है कि इंडस्ट्री को तय करना होगा – वे देश के साथ हैं या उन लोगों के साथ जो भारत का विरोध करते हैं।
अंत में AICWA ने स्पष्ट रूप से कहा – “जो लोग अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के नाम पर भारत का अपमान करते हैं, उन्हें हमारी फिल्म इंडस्ट्री में कोई जगह नहीं दी जानी चाहिए। AICWA पूरी मजबूती के साथ देश और सेना के साथ खड़ा है। हमारे लिए पहले देश है – और हमेशा रहेगा।”