जनतंत्र, मध्यप्रदेश, श्रुति घुरैया:
जम्मू-कश्मीर की शांत वादियों को एक बार फिर आतंक की आग ने झुलसा दिया है। पहलगाम की बैसारन घाटी, जो आमतौर पर सैलानियों की चहल-पहल से गुलजार रहती है, मंगलवार दोपहर करीब 2.45 बजे गोलियों की आवाज़ों से दहल उठी। इस बर्बर आतंकी हमले में 27 निर्दोष लोगों की जान चली गई और 20 से अधिक लोग गंभीर रूप से घायल हो गए। मृतकों में उत्तर प्रदेश, गुजरात, मध्यप्रदेश, महाराष्ट्र, कर्नाटक, तमिलनाडु, ओडिशा के पर्यटक शामिल हैं, साथ ही नेपाल और यूएई के दो विदेशी नागरिकों की भी जान गई।
यह हमला पुलवामा के बाद जम्मू-कश्मीर में सबसे बड़ा आतंकी हमला माना जा रहा है। इंटेलिजेंस एजेंसियों ने इसे लश्कर-ए-तैयबा की साजिश बताया है, जिसका संचालन पाकिस्तान से हो रहा है। बताया गया है कि इस हमले का मास्टरमाइंड सैफुल्लाह खालिद है, जो पाक अधिकृत कश्मीर के रावलकोट से ऑपरेट करता है। सैफुल्लाह वही आतंकी है, जिसने 2019 में एक वीडियो जारी कर यह कहा था कि “कश्मीर का मसला ठंडा नहीं होने देना है”—और आज उसका वह इरादा खून में रंगा हुआ सच बन गया।
सुरक्षा एजेंसियों ने संदिग्ध आतंकियों के स्केच जारी किए हैं—आसिफ फौजी, सुलेमान शाह और अबु तल्हा—जिन्हें हमले में शामिल बताया गया है। बताया जा रहा है कि इनमें दो आतंकी पाकिस्तान से और दो स्थानीय हैं। सोशल मीडिया पर हमले से जुड़ी चार आतंकियों की एक कथित तस्वीर वायरल हो रही है, जिसमें एक चेहरा द रेजिस्टेंस फ्रंट के FT मूसा कैडर ग्रुप से ताल्लुक रखने वाले आतंकी का बताया जा रहा है। हालांकि सुरक्षा एजेंसियों ने अब तक किसी फोटो की आधिकारिक पुष्टि नहीं की है।
जैसे ही हमले की खबर फैली, पूरे देश में सनसनी फैल गई। श्रीनगर से लेकर दिल्ली तक खुफिया और सुरक्षा एजेंसियां हरकत में आ गईं। केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह खुद श्रीनगर पहुंचे, उन्होंने बैसारन घाटी का दौरा कर हमले में घायल लोगों और चश्मदीदों से बात की। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी इस हमले को लेकर अपना विदेश दौरा बीच में छोड़ भारत वापसी की और सुरक्षा मामलों की कैबिनेट समिति की आपात बैठक बुलाई। उधर, सुप्रीम कोर्ट ने भी इस आतंकी हमले की कड़ी निंदा की और कोर्ट परिसर में मौन रखकर मृतकों को श्रद्धांजलि दी।
वहीं, आतंकवादियों की इस कायराना हरकत के खिलाफ पूरे देश में गुस्से की लहर है, और अब सिर्फ सोशल मीडिया पर नहीं, बल्कि सड़कों पर उतरकर लोग अपना आक्रोश जाहिर कर रहे हैं। भोपाल में भी इस आतंकी हमले के विरोध में उबाल देखा गया। भारत माता चौराहे पर जय हिंद सेना ने पाकिस्तान का पुतला फूंका और आतंकवाद के खिलाफ नारेबाज़ी की। यहां प्रदर्शन कर रहे लोगों ने साफ कहा कि अब बर्दाश्त की सारी सीमाएं टूट चुकी हैं, और पाकिस्तान को उसी की भाषा में जवाब देना होगा। लेकिन इस बार एक अलग और बेहद मजबूत तस्वीर उस वक्त सामने आई, जब मुस्लिम समाज के लोगों ने भी इस हमले के खिलाफ खुलकर मोर्चा खोल दिया।
मध्य प्रदेश वक्फ बोर्ड के कार्यालय के बाहर वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष सनोवर पटेल के नेतृत्व में सैकड़ों मुस्लिम नागरिक जमा हुए। उन्होंने पाकिस्तान और आतंकवाद का पुतला जलाकर साफ संदेश दिया कि आतंकवाद का कोई मजहब नहीं होता और जो भी मासूमों का खून बहाएगा, उसका इस देश में कोई ठिकाना नहीं। पुतले पर थूंककर, उसे जलाकर, उन्होंने पूरे देश को यह भरोसा दिलाया कि भारत का मुसलमान आतंक के साथ नहीं, भारत के साथ खड़ा है।
इसी कड़ी में कांग्रेस विधायक आरिफ मसूद के नेतृत्व में भोपाल के चार बत्ती चौराहे पर भी बड़ा प्रदर्शन हुआ। यहां मुस्लिम महिलाओं और बच्चियों की भी बड़ी संख्या में भागीदारी रही। उन्होंने ‘आतंकवाद मुर्दाबाद’ और ‘मोदी जी, अब 56 इंच का सीना दिखाना होगा’ जैसे नारों से सरकार को चेताया कि अब वक्त आ गया है जब सिर्फ बयानबाज़ी नहीं, बल्कि कड़ी और निर्णायक कार्रवाई होनी चाहिए।