शाजापुर मंदिर परिसर में अतिक्रमण हटाने के दौरान युवती ने महिला पुलिसकर्मी को जड़ा थप्पड़, सोशल मीडिया पर वीडियो वायरल

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जनतंत्र, मध्यप्रदेश, श्रुति घुरैया:

मध्य प्रदेश के शाजापुर जिले से सोमवार को एक चौंकाने वाला वीडियो सामने आया है, जिसने पूरे प्रशासनिक तंत्र और आम जनता को सकते में डाल दिया है। राजेश्वरी माता मंदिर परिसर में अतिक्रमण हटाने गई प्रशासनिक टीम के सामने उस वक्त अफरा-तफरी मच गई, जब एक युवती ने ड्यूटी पर तैनात महिला पुलिसकर्मी को सरेआम थप्पड़ मार दिया। घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है, जिसमें युवती महिला पुलिसकर्मी से बहस करती नजर आती है, और फिर अचानक गुस्से में आकर पहले उसका गला पकड़ती है और फिर थप्पड़ जड़ देती है।

बताया जा रहा है कि राजस्व विभाग और न्यायपालिका की संयुक्त टीम, भारी पुलिस बल के साथ मंदिर परिसर में अवैध रूप से लगाई गई गुमटियों और दुकानों को हटाने पहुंची थी। जैसे ही प्रशासन की कार्रवाई शुरू हुई, स्थानीय फल और फूल विक्रेताओं ने विरोध करना शुरू कर दिया। पुलिस और दुकानदारों के बीच बहस ने उग्र रूप ले लिया। इसी दौरान जब कुछ दुकानदारों को पुलिस थाने ले जा रही थी, तभी एक युवती ने अपनी मर्यादा लांघते हुए महिला पुलिसकर्मी के साथ धक्का-मुक्की की और चांटा मार दिया। इसके बाद मौके पर तनाव और बढ़ गया, हालांकि पुलिस ने स्थिति को हाथ से निकलने नहीं दिया।

खास बात यह रही कि महिला पुलिसकर्मी ने पूरी घटना के दौरान संयम का परिचय दिया। उसने जवाबी कार्रवाई नहीं की और पूरे मामले को शांति से संभाला, जो उसकी पेशेवर समझ और अनुशासन को दर्शाता है। लेकिन सोशल मीडिया पर लोग इस बात पर सवाल उठा रहे हैं कि कानून की रक्षक के साथ इस तरह का व्यवहार आखिर क्यों और कैसे सहन किया जा सकता है?

घटना के बाद स्थानीय व्यापारियों ने प्रशासन पर गंभीर आरोप लगाए। उनका कहना है कि वर्षों से वे मंदिर परिसर में अस्थायी दुकानें लगाकर अपने परिवार का पालन-पोषण कर रहे हैं। एक महिला विक्रेता ने रोते हुए बताया कि उसकी दुकान बिना किसी नोटिस के तोड़ दी गई और उसका सामान फेंक दिया गया। उसने कहा कि उसके पास कोई पक्का घर नहीं है और रोजाना की कमाई से ही अपने बच्चों को पालती है।

हालांकि इस मामले में प्रशासन का पक्ष कुछ और है। एसडीएम ने कहा है कि इन दुकानों के लिए पहले से तय स्थान आवंटित किया गया था, लेकिन कुछ विक्रेताओं ने मेला अवधि का लाभ उठाते हुए मंदिर परिसर में अवैध रूप से दुकानें लगा ली थीं। उनके अनुसार, अतिक्रमण हटाने की प्रक्रिया पूरी तरह नियमानुसार और पूर्व सूचना के आधार पर की गई।

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