जबलपुर में बड़ा फर्जीवाड़ा! बिना अनुमति चल रहा था हॉस्पिटल, BAMS डॉक्टर दे रहा था एलोपैथिक इलाज; प्रशासन ने सुलखिया हॉस्पिटल सील किया!

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जनतंत्र, मध्यप्रदेश, श्रुति घुरैया:

जबलपुर जिला प्रशासन ने गुरुवार को जो कार्रवाई की, वो किसी बॉलीवुड फिल्म से कम नहीं थी। रांझी SDM आरएस मरावी ने गरुड़ दल के साथ बिलहरी स्थित एक अस्पताल पर छापा मारा और वहां जो देखा, वह बेहद चौंकाने वाला था। ‘सुलखिया हॉस्पिटल’ नाम का यह अस्पताल बिना किसी रजिस्ट्रेशन और अनुमति के वर्षों से चल रहा था। सबसे बड़ा झटका यह था कि अस्पताल के संचालक डॉक्टर दिव्यांश सुलखिया आयुर्वेदिक डिग्रीधारी (BAMS) होने के बावजूद एलोपैथिक दवाइयों और पद्धति से इलाज कर रहे थे।

जब जांच टीम अस्पताल पहुंची तो अंदर का नजारा पूरी तरह से एक फुल-फ्लेज्ड प्राइवेट हॉस्पिटल जैसा था—10 बेड, नर्सिंग स्टाफ, इलाजरत मरीज, और डॉक्टर दिव्यांश खुद एलोपैथिक दवाइयां लिखते व देते हुए पाए गए। मरीजों की मानें तो यहां रोजाना 20-25 मरीज इलाज के लिए आते हैं और कुछ को भर्ती भी किया जाता है। लेकिन किसी को भी यह भनक नहीं थी कि इस अस्पताल के पीछे की हकीकत इतनी खतरनाक और अवैध है।

पूछताछ में जब डॉक्टर दिव्यांश से एलोपैथी प्रैक्टिस करने के कागज़ात मांगे गए, तो वह कोई भी मान्यता प्राप्त रजिस्ट्रेशन या परमिशन नहीं दिखा सके। अस्पताल न केवल अवैध रूप से चलाया जा रहा था, बल्कि बिना किसी निगरानी या सुरक्षा के मरीजों को दवाइयां दी जा रही थीं। जब टीम ने छानबीन शुरू की, तो डॉक्टर कोई ठोस जवाब नहीं दे सके। मौके से एलोपैथिक दवाओं के कई पैकेट जब्त किए गए।

जिसके बाद प्रशासन ने बिना देर किए अस्पताल को तत्काल सील कर दिया और डॉक्टर दिव्यांश सुलखिया के खिलाफ गोरा बाजार थाने में मामला दर्ज किया गया है। इस पूरी कार्रवाई के पीछे कलेक्टर दीपक कुमार सक्सेना की सख्त हिदायत थी कि जिले में बिना रजिस्ट्रेशन और बिना मान्यता प्राप्त डिग्री के चल रहे किसी भी अस्पताल या क्लीनिक को बख्शा नहीं जाएगा। SDM मरावी ने स्पष्ट शब्दों में कहा है कि जो लोग फर्जी तरीके से लोगों की जान से खिलवाड़ कर रहे हैं, उन पर सख्त से सख्त कार्रवाई होगी

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