जनतंत्र, मध्यप्रदेश, श्रुति घुरैया:
रंगों और भक्ति से ओत-प्रोत रंग पंचमी चैत्र माह के कृष्ण पक्ष की पंचमी तिथि को मनाई जाती है। इसे देव पंचमी और श्री पंचमी के नाम से भी जाना जाता है। मान्यता है कि इस दिन भगवान श्रीकृष्ण और राधारानी ने होली खेली थी और स्वयं देवी-देवताओं ने पुष्पवर्षा कर इस दिव्य आयोजन को और भी विशेष बना दिया था।
इस दिन आसमान में गुलाल उड़ाने और रंगों से सराबोर होने की परंपरा न केवल आनंद का प्रतीक है, बल्कि इसे सकारात्मक ऊर्जा के संचार और नकारात्मक शक्तियों के नाश का भी प्रतीक माना जाता है। इस पर्व को केवल रंगों का उत्सव मानना इसकी महिमा को कम कर देना होगा। रंग पंचमी के दिन वायुमंडल में उड़ाए गए गुलाल और अबीर को आध्यात्मिक रूप से पवित्र माना जाता है। कहा जाता है कि इस दिन देवी-देवता स्वयं धरती पर आते हैं और भक्तों पर अपना आशीर्वाद बरसाते हैं।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने प्रदेशवासियों को दी रंगपंचमी की बधाई
मध्य प्रदेश में रंग पंचमी का विशेष महत्व है। इंदौर, उज्जैन, महेश्वर और मालवा क्षेत्र के अन्य शहरों में इसे अत्यंत धूमधाम से मनाया जाता है। इसी कड़ी में आपको बता दें, मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने प्रदेशवासियों को रंग पंचमी की मंगलकामनाएं दी हैं। उन्होंने बधाई देते हुए कहा कि रंग पंचमी, आनंद और उत्साह का पावन पर्व है। उन्होंने ईश्वर से कामना की कि हमारे जीवन के सारे कलुषित रंग निकलें, चटख बसंती रंग के साथ हम अपने जीवन की नई यात्रा आरंभ करें। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि रंगों का यह उल्लास सभी के जीवन में खुशियां भर दे। उन्होंने ईश्वर से प्रार्थना की कि प्रेम-सौहार्द्र और उमंग से भरा यह पर्व सबके जीवन में उल्लास और सुख-समृद्धि लेकर आए। वहीं, मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने रंग पंचमी के अवसर पर अशोकनगर जिले के करीला धाम और इंदौर व उज्जैन की प्रसिद्ध गेर में शामिल हो रहे हैं।
जानकारी के अनुसार, मुख्यमंत्री यादव सबसे पहले अशोकनगर स्थित करीला धाम पहुंचे। यहां हेलिपैड पर जनप्रतिनिधियों सहित अन्य कार्यकर्ताओं ने उनका स्वागत किया। जिसके बाद वे करीला धाम में जानकी माता मंदिर पहुंचे और पूजा-अर्चना कर जगत के मंगल व कल्याण के लिए प्रार्थना की।
इस पल की तस्वीरें साझा कर मुख्यमंत्री ने सोशल मीडिया पर लिखा, “आनंद, उमंग एवं रंगों का उत्सव… आज रंग पंचमी के पावन अवसर पर अशोकनगर स्थित करीला धाम में जानकी माता मंदिर में पूजा-अर्चना कर जगत के मंगल व कल्याण के लिए प्रार्थना की। माँ जगतजननी का आशीर्वाद प्रदेशवासियों पर अनवरत बरसता रहे, सबका मंगल और कल्याण हो; यही प्रार्थना करता हूँ।”
इसके बाद मुख्यमंत्री डॉ. यादव इंदौर की गेर में शामिल होने के लिए इंदौर आए। हालांकि, उन्होंने अपने कार्यक्रम को रद्द कर दिया है। इस बारे में उन्होंने सोशल मीडिया पर एक वीडियो के माध्यम से जानकारी साझा की। उन्होंने कहा, “रंगपंचमी के अवसर पर पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार मैं आज इंदौर के विश्वप्रसिद्ध गेर कार्यक्रम में शामिल होने आया था… परंतु यहां गेर उत्सव के दौरान एक दुखद घटना हुई है, जिसमें एक बंधु ट्रैक्टर से टक्कर में घायल हो गया था जिसका इलाज के दौरान निधन का दुखद समाचार मिला है। इस हादसे के प्रति गहरी शोक संवेदना व्यक्त करते हुए, मैं अपने इंदौर में रंगपंचमी के कार्यक्रम को स्थगित करता हूँ। मैं बाबा महाकाल से प्रार्थना करता हूँ कि दिवंगत की पुण्यात्मा को अपने श्रीचरणों में स्थान दें और शोकाकुल परिवार को इस कठिन समय में संबल प्रदान करें। मृतक के परिवारजनों को आर्थिक सहायता के रूप में ₹4 लाख देने की घोषणा करता हूँ।”
दरअसल, रंगों और भक्ति का उत्सव रंगपंचमी इस वर्ष इंदौर में पहले से कहीं अधिक भव्यता और श्रद्धा के साथ मनाया गया। बुधवार को इंदौर की ऐतिहासिक गेर यात्रा में आस्था और आनंद का अपार संगम देखने को मिला। दूल्हे की बारात जैसी झूमती टोली, गुलाल से सराबोर गलियां और ढोल-ताशों की गूंज ने पूरे शहर को भक्तिमय उल्लास में डुबो दिया। लेकिन इसी बीच राजवाड़ा के समीप हर्षोल्लास के बीच एक हृदयविदारक घटना भी घटी। गेर यात्रा के दौरान भीड़ के बीच एक 45 वर्षीय व्यक्ति ट्रैक्टर के नीचे आ गया, जिससे उसकी मौके पर ही मौत हो गई। उसकी जेब में सिर्फ 150 रुपए मिले, लेकिन कोई आईडी कार्ड या मोबाइल न मिलने के कारण उसकी पहचान अब तक नहीं हो पाई है। प्रशासन उसकी पहचान की कोशिश कर रहा है।
वहीं, रंगों के उत्साह में डूबे श्रद्धालुओं के बीच एक व्यक्ति की तबीयत अचानक बिगड़ गई। भीड़ ने तुरंत एंबुलेंस को रास्ता दिया और कुछ ही पलों में उसे बाहर निकाला गया। इसके अलावा, तीन लोग अधिक भीड़ और उमस के कारण बेहोश हो गए, जिन्हें तत्काल प्राथमिक उपचार दिया गया।