जनतंत्र, मध्यप्रदेश, श्रुति घुरैया:
भोपाल के कोलार इलाके में स्थित दृष्टि सिटी में मंगलवार रात एक दर्दनाक घटना घटी। उज्जैन की रहने वाली 21 वर्षीय रिमझिम श्रीवास्तव, जो एमबीबीएस सेकंड ईयर की छात्रा थी, ने अपने किराए के फ्लैट में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। यह खबर सुनते ही परिवार और दोस्त स्तब्ध रह गए, क्योंकि कुछ घंटे पहले ही उसने अपने माता-पिता से मिलकर होली भोपाल में ही मनाने की बात कही थी।
बता दें, रिमझिम के पिता संजय श्रीवास्तव, जो एक फार्मा कंपनी में डीसीएम हैं, मंगलवार को किसी मीटिंग के सिलसिले में भोपाल आए थे। उनकी पत्नी भी साथ थीं, ताकि वे बेटी से मिल सकें। उन्होंने होटल में रिमझिम को बुलाया, जहां परिवार के साथ उसने सामान्य ढंग से बातचीत की। उसने बताया कि उसे सिर्फ एक दिन की छुट्टी मिली है, इसलिए वह उज्जैन नहीं जा सकती और भोपाल में ही होली मनाएगी।
पिता ने कोई तनाव नहीं देखा, कोई परेशानी नहीं जताई। शाम 7 बजे वे उज्जैन के लिए रवाना हुए, लेकिन कुछ ही घंटों बाद जब वे सोनकच्छ के पास पहुंचे, तो उन्हें एक फोन कॉल आया—”आपकी बेटी ने आत्महत्या कर ली है।”
दरअसल, रात में जब रिमझिम के दोस्तों ने उसे कई बार कॉल किया और कोई जवाब नहीं मिला, तो वे उसके फ्लैट पहुंचे। उन्होंने दरवाजा खटखटाया, लेकिन अंदर से कोई आवाज नहीं आई। अनहोनी की आशंका से दरवाजा तोड़ा गया, तो अंदर का नजारा दिल दहला देने वाला था—रिमझिम फांसी के फंदे पर झूल रही थी।
मामले की जांच कर रही पुलिस को अब तक कोई सुसाइड नोट नहीं मिला है। परिवार और दोस्त भी उसकी आत्महत्या की कोई ठोस वजह नहीं बता पा रहे हैं। रिमझिम पढ़ाई में टॉपर थी, उसने पिछले साल फर्स्ट ईयर में पूरे कॉलेज में थर्ड रैंक हासिल की थी। परिवार का कहना है कि उस पर कोई पढ़ाई का दबाव नहीं था।
मृतका के चाचा एसपी श्रीवास्तव का कहना है कि आत्महत्या से कुछ समय पहले तक रिमझिम पूरी तरह सामान्य थी, फिर अचानक ऐसा कदम क्यों उठाया? उन्होंने कॉलेज पर सवाल उठाते हुए कहा कि वहां कुछ ऐसा जरूर हुआ होगा, जिससे रिमझिम मानसिक तनाव में आ गई। उन्होंने मांग की है कि रिमझिम के मोबाइल की गहराई से जांच हो, कॉल रिकॉर्ड्स और चैट्स खंगाले जाएं, ताकि सच्चाई सामने आ सके।