जनतंत्र, मध्यप्रदेश, श्रुति घुरैया:
सोमवार को मध्य प्रदेश के महू में डॉ. भीमराव अंबेडकर की जन्मस्थली पर आयोजित कांग्रेस की “जय भीम, जय बापू, जय संविधान” रैली ने देश की राजनीति को हिला कर रख दिया। कांग्रेस के दिग्गज नेताओं मल्लिकार्जुन खड़गे और तेलंगाना के मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी के बयानों ने माहौल और भी गर्म कर दिया है।
दरअसल, महू की रैली में मल्लिकार्जुन खड़गे ने गंगा स्नान पर विवादित टिप्पणी कर दी। उन्होंने सवाल उठाया, “क्या गंगा में डुबकी लगाने से गरीबी दूर होती है? क्या इससे भूख मिटती है?” खड़गे ने आगे कहा, “जब बच्चा भूखा मर रहा है, स्कूल नहीं जा रहा, मजदूर को मजदूरी नहीं मिल रही, तब कुछ लोग हजारों रुपए खर्च कर के प्रतियोगिताओं में डुबकी लगाते हैं। जब तक टीवी पर अच्छा दृश्य नहीं आता, तब तक ये लोग डुबकी मारते रहते हैं। ऐसे लोगों से देश की भलाई नहीं हो सकती।” हालांकि, उन्होंने यह भी कहा कि उनकी मंशा किसी की धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने की नहीं थी और अगर किसी को दुख हुआ है तो वह माफी मांगते हैं।
लेकिन खड़गे के इस बयान ने बीजेपी को भड़का दिया। महू के रोशनपुरा चौराहे पर बीजेपी कार्यकर्ताओं ने जमकर विरोध प्रदर्शन किया। खड़गे का पूतला जलाया गया और नारेबाजी हुई। भोपाल में भी युवा मोर्चा के कार्यकर्ताओं ने खड़गे के खिलाफ मोर्चा खोलते हुए उनका पुतला जलाया।
वहीं, कांग्रेस की इसी रैली में मंच से कांग्रेस नेता और तेलंगाना के मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तुलना महमूद गजनवी से कर दी। उन्होंने कहा, “महमूद गजनवी ने हिंदुस्तान को लूटने की कोशिश की थी, ठीक वैसे ही मोदी जी संविधान को बदलने और आरक्षण को खत्म करने की कोशिश कर रहे हैं।” रेवंत रेड्डी के इस बयान पर बीजेपी आगबबूला हो गई और केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया और बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा ने तीखा पलटवार किया।
बता दें, महू की रैली ने राजनीतिक मैदान में हलचल पैदा कर दी है। खड़गे और रेड्डी के बयानों पर बीजेपी का तीखा पलटवार एक नई सियासी जंग का संकेत देता है।