जनतंत्र, मध्यप्रदेश, श्रुति घुरैया:
मध्यप्रदेश में खनन और खनिज आधारित उद्योगों के लिए एक नए दौर की शुरुआत कटनी में हो रही है। शनिवार को अरिंदम होटल में आयोजित माइनिंग कॉन्क्लेव 2.0 में औद्योगिक मंथन जारी है। यह आयोजन प्रदेश की खनिज संपदा, निवेश की संभावनाओं और तकनीकी प्रगति को एक मंच पर लाने का प्रयास है।
मंच पर प्रदेश के प्रभारी मंत्री राव उदय प्रताप सिंह, खनिज विभाग के प्रमुख सचिव उमाकांत उमराव, जिला पंचायत अध्यक्ष सुनीता मेहरा, भाजपा जिलाध्यक्ष दीपक सोनी टंडन समेत कई अधिकारी और औद्योगिक घरानों के प्रतिनिधि मौजूद हैं।
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की खास मौजूदगी
कॉन्क्लेव के मुख्य आकर्षण मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव हैं, जो कार्यक्रम में शामिल होंगे। मुख्यमंत्री ने यहां विषय-विशेषज्ञों और निवेशकों के साथ वन-टू-वन चर्चा की, ताकि खनिज क्षेत्र में निवेश और रोजगार की नई राहें खुल सकें। बता दें, मुख्यमंत्री जबलपुर के डुमना हवाई अड्डे से हेलीकॉप्टर द्वारा रवाना होकर हिंहारी हेलीपैड पहुचेंगे। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के स्वागत के लिए झिंझरी से लेकर आयोजन स्थल तक तीन किलोमीटर के मार्ग पर 19 स्थानों पर मंच सजाए गए हैं। शहर के प्रमुख चौराहों, मंदिरों और सार्वजनिक स्थलों पर उनका भव्य स्वागत किया जाएगा।
देशभर से जुटे दिग्गज निवेशक और उद्योगपति
कॉन्क्लेव में देशभर से कोल इंडिया लिमिटेड, अडाणी ग्रुप, एचसीएल, मैंगनीज इंडिया लिमिटेड (MOIL) जैसी बड़ी कंपनियां और माइनिंग क्षेत्र से जुड़े 1500 से अधिक निवेशक एवं नीति निर्माता शामिल हुए हैं। केवल कटनी जिले से ही 300 से ज्यादा उद्योगपति इस आयोजन का हिस्सा बने हैं। इस दौरान मिनरल और माइनिंग से जुड़े विभिन्न सत्रों में विस्तार से चर्चा की जा रही है। प्रदेश की खनिज संपदा को प्रदर्शित करने वाली विशेष प्रदर्शनी भी कॉन्क्लेव में लगाई गई है।
किन क्षेत्रों पर होगा फोकस?
इस कॉन्क्लेव का मुख्य जोर कोयला और ऊर्जा क्षेत्र पर है। इसके साथ ही हाइड्रोकार्बन, क्रिटिकल मिनरल्स, चूना पत्थर एवं सीमेंट सेक्टर पर भी चर्चा हो रही है।
तकनीकी बदलावों पर विशेष ध्यान दिया गया है, जहां खनन कार्यों में ऑटोमेशन, एआई और मशीन लर्निंग के इस्तेमाल पर विचार हो रहा है। सरकार को उम्मीद है कि इस कॉन्क्लेव से अब तक के सबसे बड़े और महत्वपूर्ण निवेश प्रस्ताव सामने आएंगे।
रिसर्च और एमओयू की नई संभावनाएं
खनन और तकनीक में रिसर्च को बढ़ावा देने के लिए प्रदेश सरकार टेक्समाइन, आईआईटी-आईएसएम धनबाद और आईआईएसईआर भोपाल जैसे संस्थानों के साथ एमओयू करेगी। इसके अलावा कोल इंडिया लिमिटेड के साथ क्रिटिकल मिनरल्स पर सहयोग बढ़ाने के लिए समझौता होगा। खनन क्षेत्र से जुड़े स्टार्टअप्स, खनिज संवर्धन संयंत्र और मशीनरी निर्माता कंपनियां भी कॉन्क्लेव में अपनी उपस्थिति दर्ज करा रही हैं।
डाउनस्ट्रीम उद्योग विकास रहेगा केन्द्र में
इस आयोजन का एक बड़ा एजेंडा है – खनिज अपशिष्ट को मूल्यवान संसाधनों में बदलना और खनिजों का उपयोग कर डाउनस्ट्रीम उद्योगों का विकास। विशेषज्ञों ने पारदर्शिता और जवाबदेही के लिए डिजिटल तकनीक के उपयोग पर भी जोर दिया है। साथ ही, स्थानीय समुदायों के लिए रोजगार और कौशल विकास के अवसर पैदा करने पर सरकार और निवेशकों के बीच चर्चा हो रही है।
ये बड़ी कंपनियां हुईं शामिल
कॉन्क्लेव में शामिल प्रमुख कंपनियों और संस्थानों में जियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया, इंडियन ब्यूरो ऑफ माइन्स, एचसीएल, एमईसीएल, एसईसीएल, डेलॉइट, अडाणी सीमेंट, माइनवेयर एडवाइजर्स, आर्सेलर मित्तल, और महाकौशल रिफैक्टरीज जैसी दिग्गज कंपनियां मौजूद हैं।
निवेशकों को क्यों भा रहा कटनी?
कटनी निवेशकों के लिए आकर्षण का केंद्र इसलिए भी है क्योंकि यह भारत का प्रमुख रेलवे ट्रांजिट और लॉजिस्टिक्स हब है। यहां से पांच प्रमुख रेल मार्ग गुजरते हैं, जो देश के उत्तर-दक्षिण और पूरब-पश्चिम को जोड़ते हैं। सड़क मार्ग से भी कटनी की कनेक्टिविटी मजबूत है। यहां से एनएच-30 और एनएच-43 गुजरते हैं, जो इसे उत्तर प्रदेश, छत्तीसगढ़ और महाराष्ट्र से जोड़ते हैं। हवाई यातायात के लिए जबलपुर एयरपोर्ट सिर्फ 100 किलोमीटर दूर है।