जनतंत्र, मध्यप्रदेश, श्रुति घुरैया:
महाराष्ट्र में हाल के दिनों में भाषा को लेकर बढ़ती असहिष्णुता की घटनाएं लगातार सामने आ रही हैं। खासकर महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (MNS) से जुड़े कुछ कार्यकर्ताओं द्वारा की जा रही हिंसा और धमकी भरी गतिविधियों ने यह सवाल खड़ा कर दिया है कि कहीं ‘मराठी अस्मिता’ के नाम पर आम नागरिकों की आज़ादी और सुरक्षा तो खतरे में नहीं पड़ रही?
ताज़ा मामला नवी मुंबई से सामने आया है, जहां एक छात्र को सिर्फ इसलिए बुरी तरह पीट दिया गया क्योंकि उसने अपने कॉलेज के वाट्सएप ग्रुप में मराठी में बात करने की बात कही थी। छात्र ने ग्रुप में मज़ाकिया लहजे में लिखा — “मराठी में बात करो नहीं तो राज ठाकरे आ जाएंगे।” बस यही एक लाइन कुछ छात्रों को इतनी नागवार गुज़री कि अगले ही दिन फैजान नाइक समेत चार छात्रों ने कॉलेज के बाहर उस छात्र पर हॉकी स्टिक से हमला कर दिया। सिर पर गंभीर चोट लगने के बाद छात्र को अस्पताल में भर्ती कराया गया।
घटना के बाद महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना ने हमलावरों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की, लेकिन आलोचकों का कहना है कि MNS ही राज्य में भाषाई कट्टरता के बीज बो रही है — जिसका नतीजा अब हिंसा के रूप में सामने आ रहा है।
मुंबई से ठाणे तक, भाषा को लेकर मारपीट की घटनाएं
इस तरह की घटनाएं कोई एक-दो नहीं रहीं। पिछले कुछ हफ्तों में महाराष्ट्र के अलग-अलग हिस्सों में भाषा को लेकर कई चौंकाने वाले मामले सामने आए हैं:
16 जुलाई – दुकानदार को पीटकर माफ़ी मंगवाई:
मुंबई के विक्रोली इलाके में MNS कार्यकर्ताओं ने एक दुकानदार को सिर्फ इस आरोप में पीट दिया कि उसने मराठी लोगों के खिलाफ सोशल मीडिया पर आपत्तिजनक पोस्ट की थी। कार्यकर्ताओं ने दुकान पर पहुंचकर गाली-गलौच की, दुकानदार को धमकाया, उससे माफ़ी मंगवाई और पूरे इलाके में घुमाकर अपमानित किया। घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया, जिसमें दुकानदार हाथ जोड़कर दया की भीख मांगता दिख रहा है।
9 जुलाई – ऑटो ड्राइवर से माफ़ी मंगवाई:
ठाणे जिले में एक हिंदी भाषी ऑटो चालक से मराठी सवारी के साथ हुई कहासुनी के बाद MNS के भिवंडी नगर अध्यक्ष मनोज गुलवी ने ड्राइवर को माफ़ी मांगने पर मजबूर किया। कैमरे के सामने माफ़ी मांगने को विवश किया गया और खुलेआम धमकी दी गई कि आगे से किसी मराठी युवक को हाथ भी लगाया तो अंजाम बुरा होगा।
5 जुलाई – शेयर इन्वेस्टर के ऑफिस पर हमला:
मशहूर निवेशक सुशील केडिया के वर्ली स्थित दफ्तर में तोड़फोड़ की गई। केडिया ने MNS प्रमुख राज ठाकरे की आलोचना करते हुए ट्वीट किया था, जिसमें उन्होंने कहा था कि “30 साल मुंबई में रहने के बावजूद मराठी नहीं सीखी और अब तय किया है कि तब तक नहीं सीखूंगा जब तक आप जैसे लोगों को देखभाल करने का अधिकार दिया जाता है।” इस पोस्ट के कुछ ही घंटों बाद MNS कार्यकर्ताओं ने उनके ऑफिस में घुसकर हमला किया।
30 जून – गुजराती दुकानदार को पीटा:
ठाणे में ही एक गुजराती दुकानदार के साथ इसलिए मारपीट की गई क्योंकि उसने मराठी बोलने से इनकार किया था। वीडियो में देखा गया कि एक कार्यकर्ता दुकानदार को बार-बार थप्पड़ मारता है और जब वो कहता है कि सभी भाषाएं बोली जाती हैं, तो उसे ज़ोर से चिल्लाकर धमकाया जाता है — “ये महाराष्ट्र है, यहां मराठी बोली जाती है।”