जनतंत्र, मध्यप्रदेश, श्रुति घुरैया:
मध्यप्रदेश के जबलपुर से एक हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है। यहां महज 13 साल की सातवीं कक्षा में पढ़ने वाली बच्ची ने अपनी मां की डांट से नाराज होकर खुद के अपहरण की झूठी कहानी गढ़ डाली। मोबाइल फोन चलाने, दोस्तों से बात करने और लिपस्टिक लगाने से रोके जाने पर बच्ची इतनी आहत हो गई कि उसने एक पेज का फिरौती वाला धमकी भरा नोट लिखा और घर से गायब हो गई। बच्ची के इस कदम से न सिर्फ परिवार बल्कि पुलिस महकमे में भी हड़कंप मच गया।
यह पूरी घटना रविवार दोपहर जबलपुर के खमरिया थाना क्षेत्र स्थित प्रियदर्शनी कॉलोनी की है। बच्ची की मां जब घर लौटीं तो उन्हें अपनी बेटी कहीं नजर नहीं आई। उन्होंने पहले नानी के साथ मिलकर आसपास खोजबीन की, लेकिन बच्ची का कोई पता नहीं चला। घर वापस आने पर बच्ची के कमरे में उन्हें एक पेज का नोट मिला, जिसमें लिखा था— “तुम लोगों की बच्ची हमारे पास है। अगर उसे सही सलामत वापस चाहते हो तो अगले महीने की 10 तारीख तक 15 लाख रुपए की व्यवस्था कर लो और बड़ी खेरमाई मंदिर ले आना। अगर पुलिस को खबर की तो बच्ची के चिथड़े तोहफे में मिलेंगे। तुम्हें 14 दिन का वक्त देते हैं। जल्दी इंतजाम करो वरना अंजाम बुरा होगा।”
यह नोट पढ़ते ही मां और नानी के पैरों तले जमीन खिसक गई। उन्होंने तुरंत खमरिया थाना पुलिस को सूचना दी। मामला मासूम बच्ची से जुड़ा था, लिहाजा जबलपुर से भोपाल तक पुलिस महकमा अलर्ट हो गया। सीएसपी सतीष साहू और थाना प्रभारी सरोजनी चौकसे खुद मौके पर पहुंचे। आसपास लगे सीसीटीवी कैमरे खंगाले गए। पुलिस ने चौक पर खड़े ऑटो चालकों से भी पूछताछ की, जिसमें एक ड्राइवर ने बताया कि वह बच्ची को सदर इलाके में छोड़कर आया था।
इसके बाद पुलिस ने तेजी से उस इलाके में बच्ची की तलाश शुरू की। करीब 5 घंटे की मशक्कत के बाद बच्ची सदर की गली नंबर 7 में घूमती हुई मिल गई। पूछताछ में चौंकाने वाला खुलासा हुआ कि बच्ची ने यह पूरा अपहरण का ड्रामा खुद रचा था। उसने अपनी गुल्लक तोड़ी, पैसे निकाले और किराए पर कमरा तलाशने सदर पहुंच गई। बच्ची की मां जॉब करती हैं और 12 साल पहले उनके पति से विवाद होने के बाद से वह नानी के साथ ही रह रही थी। बच्ची को डर था कि घर से बाहर रहने के लिए पैसे चाहिए, इसलिए वह गुल्लक का सहारा लेकर घर छोड़ गई थी।
सबसे चौंकाने वाली बात यह रही कि बच्ची ने जो फिरौती का नोट लिखा था, वह खुद अपने हाथों से तैयार किया था। पुलिस ने जब नोट की हैंडराइटिंग बच्ची की कॉपियों से मिलाई तो पूरी साजिश उजागर हो गई। सीएसपी सतीष साहू ने बताया कि बच्ची ने पूछताछ में साफ कबूल किया कि वह एक महीने तक बिना मां की डांट-फटकार के रहना चाहती थी। इसलिए उसने खुद ही अपने अपहरण की कहानी रची, ताकि उसे ढूंढने में सभी व्यस्त रहें और वह बाहर आराम से रह सके।