भारत में कोरोना की वापसी! 20 दिनों में 58 गुना बढ़े केस, 4 नए वैरिएंट्स की दस्तक ने बढ़ाई चिंता; स्कूलों से लेकर अस्पतालों तक अलर्ट

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जनतंत्र, मध्यप्रदेश, श्रुति घुरैया:

देश एक बार फिर कोरोना के संकट की ओर बढ़ रहा है। पिछले कुछ सप्ताहों से जिस तरह कोविड-19 के मामले तेजी से सामने आ रहे हैं, उसने सरकार और आम जनता दोनों की चिंता बढ़ा दी है। 16 मई 2025 को जहां पूरे देश में सिर्फ 93 एक्टिव केस थे, वहीं अब यह संख्या 5364 पहुंच चुकी है। यानी सिर्फ 20 दिनों में केसों में 58 गुना की खतरनाक बढ़ोतरी दर्ज की गई है।

स्वास्थ्य मंत्रालय की रिपोर्ट के अनुसार कोरोना अब तक 29 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में फैल चुका है। बीते 24 घंटों में ही 500 से ज्यादा नए मामले सामने आए हैं, जिससे संक्रमण की रफ्तार और तेजी से बढ़ने का अंदेशा है। केरल सबसे अधिक प्रभावित राज्य बनकर सामने आया है, जहां 1679 एक्टिव केस दर्ज हुए हैं। इसके बाद गुजरात (615), पश्चिम बंगाल (596), दिल्ली (592), और महाराष्ट्र (548) प्रमुख रूप से प्रभावित हैं।

सबसे चौंकाने वाली बात यह है कि जनवरी 2025 से अब तक 55 मौतें कोविड के कारण हो चुकी हैं, जिनमें से 53 मौतें केवल पिछले 15 दिनों में हुई हैं। गुरुवार को दिल्ली में एक 5 महीने के मासूम बच्चे समेत दो लोगों की जान गई। इसके अलावा केरल में 2, कर्नाटक और पंजाब में 1-1, जबकि महाराष्ट्र में सबसे ज्यादा 17 मौतें दर्ज की गई हैं।

केंद्र सरकार ने स्थिति की गंभीरता को देखते हुए देशभर के अस्पतालों में मॉक ड्रिल कराई है। ऑक्सीजन सप्लाई, वेंटिलेटर, ICU बेड और दवाओं की उपलब्धता की जांच की जा रही है। 2 जून को हुई मॉक ड्रिल के आधार पर अस्पतालों को हेल्थ इन्फ्रास्ट्रक्चर की रेटिंग दी गई है, जिससे पता चल सके कि अगर चौथी लहर आती है, तो तैयारियां कितनी मुकम्मल हैं।

ICMR के अनुसार, भारत में 4 नए वैरिएंट्स की पहचान की गई है – LF.7, XFG, JN.1 और NB.1.8.1। इनमें से NB.1.8.1 सबसे ज्यादा चिंताजनक है क्योंकि इसमें ऐसे म्यूटेशन्स (A435S, V445H, T478I) हैं जो बहुत तेजी से फैलते हैं और शरीर की बनी इम्यूनिटी को बेअसर कर सकते हैं।

JN.1 वैरिएंट फिलहाल भारत में सबसे आम बन चुका है और अकेले आधे से ज्यादा पॉजिटिव सैंपल में इसकी मौजूदगी पाई गई है। विशेषज्ञों के अनुसार यह वैरिएंट इम्यूनिटी को कमजोर करता है और लंबे समय तक शरीर में मौजूद रह सकता है। WHO ने भले ही इन्हें “वैरिएंट ऑफ इंटरेस्ट” माना हो, लेकिन निगरानी जरूरी है।


 राज्यों की स्थिति और सतर्कता – स्कूलों से लेकर अस्पतालों तक अलर्ट

  • केरल: सभी अस्पतालों में मास्क अनिवार्य, बुखार-जुकाम वालों के लिए कोविड टेस्ट जरूरी।

  • महाराष्ट्र: 13,707 टेस्ट में 1064 पॉजिटिव केस मिले; मरने वालों में ज्यादातर अन्य बीमारियों से भी ग्रसित थे।

  • गुजरात: 508 में से 490 मरीज होम आइसोलेशन में; सिर्फ 18 को अस्पताल में भर्ती किया गया।

  • कर्नाटक: गुलबर्गा में विशेष कोविड वार्ड तैयार, ICU से लेकर प्रेग्नेंट महिलाओं के लिए अलग बेड।

  • उत्तराखंड: अस्पतालों में ऑक्सीजन और दवा सुनिश्चित करने के आदेश, सभी बीमारियों की रिपोर्टिंग अनिवार्य।

  • सिक्किम: 526 टेस्ट में 15 पॉजिटिव केस; कोविड प्रोटोकॉल पूरे राज्य में सख्ती से लागू।

  • हिमाचल प्रदेश: पहला केस आने के बाद सभी अस्पतालों में मास्क पहनना अनिवार्य कर दिया गया है।


 सावधानी ही बचाव – डरें नहीं, लेकिन लापरवाह न बनें

हालांकि स्वास्थ्य मंत्रालय और WHO दोनों ने फिलहाल इन वैरिएंट्स को गंभीर नहीं बताया है, लेकिन तेजी से फैलाव, बार-बार म्यूटेशन और इम्यूनिटी को धोखा देने वाली प्रवृत्ति ने चिंताएं गहरी कर दी हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि यह समय है – “सतर्क रहने का, लेकिन घबराने का नहीं।”

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