जनतंत्र, मध्यप्रदेश, श्रुति घुरैया:
मध्य प्रदेश के सतना से एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है। बसपा नेता शुभम साहू की रविवार रात करीब 12:30 बजे बेरहमी से पीट-पीटकर हत्या कर दी गई। इस हमले में तकरीबन 15 अज्ञात बदमाशों ने लाठी-डंडों और पत्थरों से हमला कर शुभम को गंभीर रूप से घायल कर दिया। घटना सतना के महादेव मोहल्ले की है, जहां शुभम पर भीड़ की तरह टूट पड़े हमलावरों ने एक पल की भी मोहलत नहीं दी। उसे पहले जिला अस्पताल ले जाया गया, लेकिन हालत गंभीर होने के चलते रीवा रेफर किया गया — जहां रास्ते में ही उसकी मौत हो गई।
शुभम की हत्या के बाद इलाके में जबरदस्त तनाव फैल गया है। पुलिस ने फिलहाल तीन संदिग्धों को हिरासत में लिया है और उनसे पूछताछ जारी है। घटना का एक वीडियो भी सामने आया है जिसमें 14–15 लोग हाथों में लाठियां लिए, मारपीट करते साफ दिख रहे हैं। प्रारंभिक जांच में यह सामने आया है कि शुभम का मोहल्ले के ही कुछ लोगों से जमीन को लेकर पुराना विवाद चल रहा था, और आशंका जताई जा रही है कि इसी विवाद ने खून-खराबे का रूप ले लिया।
खास बात यह है कि शुभम साहू ने दो दिन पहले ही कांग्रेस छोड़कर बहुजन समाज पार्टी की सदस्यता ली थी। वह पहले यूथ कांग्रेस का जिला महामंत्री और एनएसयूआई में सचिव भी रह चुका था। भोपाल से सतना लौटने के बाद उसने बसपा में सक्रिय भूमिका निभाना शुरू किया था। हालांकि, शुभम का नाम पहले भी विवादों में रह चुका था। पुलिस रिकॉर्ड के मुताबिक सिविल लाइन थाना क्षेत्र में उस पर कई आपराधिक मामले दर्ज थे और साल 2024 में उस पर जिलाबदर की कार्रवाई भी हुई थी।
स्थानीय लोगों का कहना है कि शुभम और उसके पिता महेश साहू की मोहल्ले में पहले भी कई बार कहासुनी हो चुकी थी। ऐसे में सवाल ये उठता है कि क्या ये हत्या राजनीतिक परिवर्तन का नतीजा थी या फिर पुराने रंजिश की आग अब जाकर खून से बुझी? पुलिस ने हत्या का मामला दर्ज कर लिया है, लेकिन असली साज़िश के पीछे किसका हाथ है, यह जांच का विषय है।