जनतंत्र, मध्यप्रदेश, श्रुति घुरैया:
भोपाल के रंगमहल चौराहे पर सोमवार दोपहर किसान कांग्रेस का प्रदर्शन एक बड़े हादसे में तब्दील हो गया। जिस मंच से नेता किसानों के अधिकारों की बात करने वाले थे, वही मंच अचानक नेताओं और कार्यकर्ताओं के भारी बोझ से चरमराने लगा और कुछ ही सेकंड में धड़ाम से नीचे आ गिरा। यह सब इतनी तेजी से हुआ कि किसी को संभलने का मौका तक नहीं मिला। चारों ओर चीख-पुकार मच गई, घायल नेताओं को मंच के मलबे से निकालने के लिए अफरा-तफरी मच गई।
इस हादसे में किसान कांग्रेस के अध्यक्ष धर्मेंद्र सिंह चौहान, कांग्रेस उपाध्यक्ष राजीव सिंह, पूर्व विधायक रवि जोशी, और शैलेंद्र पटेल समेत 10 से ज्यादा नेता घायल हो गए। राजीव सिंह के कंधे के पास एक लोहे की रॉड घुस गई, जिससे उनकी नसें कट गईं और खून बहने लगा। उन्हें तुरंत अस्पताल ले जाया गया, जहां 3 घंटे के ऑपरेशन के बाद डॉक्टरों ने रॉड निकाली। उनकी हालत अभी भी गंभीर बनी हुई है।
पूर्व विधायक रवि जोशी और शैलेंद्र पटेल को स्मार्ट सिटी हॉस्पिटल के ऑपरेशन थिएटर में भर्ती कराया गया है, जबकि राजीव सिंह और रोशनी यादव को सिद्धांता अस्पताल में भर्ती किया गया है।
बता दें, हादसे के बाद कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी ने अस्पताल पहुंचकर घायलों का हाल-चाल जाना। उन्होंने अपने सोशल मीडिया पर फोटोज पोस्ट कर लिखा, “आज भोपाल में विधानसभा घेराव के दौरान मंच टूटने की दुर्भाग्यपूर्ण घटना हुई! इसमें कांग्रेस के कई जांबाज सहयोगी घायल हुए हैं! प्रदेश कांग्रेस प्रभारी श्री हरीश जी चौधरी के साथ अस्पताल पहुंचकर उपचाररत साथियों का हाल-चाल जाना और उनकी हिम्मत बढ़ाई।”
वहीं, नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने भी कांग्रेस कार्यकर्ताओं से मुलाकात कर हाल-चाल जाना। उन्होंने अपने सोशल मीडिया पर लिखा, “आज भोपाल में विधानसभा घेराव के दौरान मंच टूटने की दुर्भाग्यपूर्ण घटना में घायल कांग्रेस कार्यकर्ताओं से विधायक सुरेश राजे जी के साथ अस्पताल पहुंचकर मुलाकात की। उनके परिवारजनों से बातचीत कर हाल-चाल जाना और इस कठिन समय में उन्हें हिम्मत और संबल दिया। हम सभी उनके शीघ्र स्वास्थ्य लाभ की कामना करते हैं।”
कैसे हुआ ये बड़ा हादसा?
इस प्रदर्शन के दौरान मंच पर प्रतीकात्मक रूप से एक बैलगाड़ी रखी गई थी, जिस पर धान और हल रखा था। नेता इस बैलगाड़ी की पूजा कर रहे थे और कार्यकर्ता फोटो खिंचवाने के लिए मंच पर चढ़ते जा रहे थे। देखते ही देखते मंच पर भारी भीड़ इकट्ठा हो गई। जिस मंच की क्षमता 40 लोगों की थी, उस पर 150 से ज्यादा लोग चढ़ गए। मंच अचानक जोर से चरमराया और फिर तेज आवाज के साथ टूटकर गिर गया।
मंच गिरते ही वहां हड़कंप मच गया। कुछ लोग सीधे जमीन पर गिरे, तो कुछ कुर्सियों और टेबलों के नीचे दब गए। महिला कार्यकर्ता भी घायल हुईं। मंच के गिरते ही नेताओं के चेहरे पर घबराहट के भाव साफ नजर आ रहे थे।