जनतंत्र, मध्यप्रदेश, श्रुति घुरैया:
मध्यप्रदेश विधानसभा के शीतकालीन सत्र का तीसरा दिन हंगामे से भरा रहा, जिसमें दो अलग-अलग और चौंकाने वाली घटनाओं ने सत्र का माहौल गर्मा दिया।
पहले, उज्जैन से कांग्रेस विधायक महेश परमार शराब की बोतलों की माला पहनकर विधानसभा पहुंचे, जो चर्चा का विषय बना। दूसरी ओर, सैलाना से विधायक कमलेश्वर डोडियार ने विधानसभा परिसर में महात्मा गांधी की प्रतिमा के सामने अनिश्चितकालीन मौन व्रत शुरू कर दिया।
विधायक डोडियार ने अपने विरोध की वजह पर्चियों में लिखकर स्पष्ट की। उनका कहना था कि उन्हें सदन में बोलने का मौका नहीं दिया जा रहा, जिससे वे अनिश्चितकालीन मौन व्रत पर बैठ गए। डोडियार ने अपने पर्चे में पांच प्रमुख बिंदुओं के माध्यम से अपना विरोध दर्ज कराया। उन्होंने आरोप लगाया कि एक डॉक्टर ने उन्हें गालियां दीं, जिसके कारण 12 करोड़ आदिवासी अपमानित हुए। इसके बावजूद, सरकार ने डॉक्टर के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की, और उन्हें ही झूठी रिपोर्ट दर्ज कर जेल भेज दिया गया।
डोडियार ने यह भी बताया कि इस मुद्दे पर उन्होंने विधानसभा में दो बार स्थगन प्रस्ताव की सूचना दी, लेकिन उनकी बातों को अनसुना कर दिया गया। जब उन्होंने बोलने की कोशिश की, उनका माइक बंद कर दिया गया। विधायक का आरोप है कि विधानसभा का सत्र अब संवैधानिक परंपराओं और नियमों के खिलाफ चल रहा है, और वे इसे लेकर विरोध जता रहे हैं।