जनतंत्र, मध्यप्रदेश, श्रुति घुरैया:
जबलपुर में गुरुवार शहीद राजा शंकर शाह और उनके पुत्र रघुनाथ शाह की 168वीं बलिदान जयंती पर विशेष कार्यक्रम आयोजित किया गया। नेताजी सुभाषचंद्र बोस कन्वेंशन सेंटर में आयोजित इस कार्यक्रम में मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने दोनों शहीदों को श्रद्धासुमन अर्पित करते हुए कहा कि “जन्म और मृत्यु तो एक बार होती है, लेकिन बलिदान इंसान को अमर कर देता है। शंकर शाह और रघुनाथ शाह ने ऐसा इतिहास रचा है, जो हमेशा प्रेरणा देता रहेगा।”
आदिवासी गौरव पर गर्व: सीएम का संबोधन
मुख्यमंत्री ने अपने संबोधन में कहा कि आदिवासी समाज ने हर दौर में भारत की संस्कृति और स्वतंत्रता की रक्षा के लिए अद्भुत त्याग दिया है। उन्होंने कहा कि “अंग्रेज उस समय भी समाज में फूट डालते थे और आज भी ऐसे प्रयास होते हैं, लेकिन आदिवासी समाज का बलिदान हमें एकता का संदेश देता है।”
कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का उल्लेख करते हुए कहा कि “प्रधानमंत्री ने अपना जन्मदिन दिल्ली या मुंबई में न मनाकर धार जिले में आदिवासी भाई-बहनों के बीच मनाया। यह हमारी पार्टी और आदिवासी समाज के बीच अटूट प्रेम का प्रतीक है।”
शंकर शाह-रघुनाथ शाह की वीरगाथा
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि अंग्रेजों ने राजा शंकर शाह और रघुनाथ शाह के सामने तीन शर्तें रखीं– धर्म परिवर्तन कर लो, अंग्रेजों की सत्ता स्वीकार कर लो और विरोध का स्वर छोड़ दो। लेकिन दोनों वीरों ने किसी भी शर्त को स्वीकार नहीं किया। अंग्रेजों ने कायरता का परिचय देते हुए बिना मुकदमे के दोनों को तोप के मुंह पर बांधकर उड़ा दिया।
सीएम ने कहा कि यह घटना इतिहास का अद्वितीय उदाहरण है, जिसने आने वाली पीढ़ियों को अन्याय के खिलाफ लड़ने की प्रेरणा दी।
बलिदान दिवस के अवसर पर मुख्यमंत्री ने रानी दुर्गावती चिकित्सालय में झाड़ू लगाकर स्वच्छता का संदेश भी दिया। उन्होंने कहा कि सेवा पखवाड़ा अभियान के अंतर्गत प्रदेशभर के अस्पतालों और सार्वजनिक स्थानों पर स्वच्छता अभियान चलाया जाएगा। सीएम ने स्वदेशी को बढ़ावा देने की अपील करते हुए कहा कि छोटे व्यापारियों को प्रोत्साहित करना और स्थानीय उत्पादों को अपनाना ही सच्चा राष्ट्रसेवा है।
आने वाली पीढ़ी के लिए प्रेरणा
कार्यक्रम में मौजूद मंत्री और जनप्रतिनिधियों ने भी शंकर शाह और रघुनाथ शाह की शहादत को अद्वितीय बताया। मंत्री पटेल ने कहा कि “इतिहास में ऐसा कोई उदाहरण नहीं है कि कविता लिखने पर किसी को तोप से उड़ाया गया हो। शंकर शाह और रघुनाथ शाह का बलिदान इस देश को आजादी दिलाने और मूल्यों की रक्षा करने का सामर्थ्य देता है।”
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी द्वारा गुमनाम शहीदों को सामने लाने के अभियान से यह गौरवगाथा नए सिरे से देश और दुनिया तक पहुंच रही है।
विपक्ष का भी संदेश: “एकता जरूरी”
कांग्रेस विधायक ओमकार सिंह मरकाम ने भी कार्यक्रम में हिस्सा लेते हुए कहा कि शहीदों के बलिदान से हमें यह संदेश लेना चाहिए कि विकास और सुरक्षा के लिए सभी को एकजुट होना होगा। उन्होंने कहा कि “राजा शंकर शाह और रघुनाथ शाह का बलिदान केवल किसी दल या विचारधारा का नहीं, बल्कि पूरे देश की धरोहर है। इस स्थल से हमें प्रेरणा और एकता का संदेश लेना चाहिए।”
संग्रहालय का करेंगे भ्रमण
मुख्यमंत्री मोहन यादव जबलपुर प्रवास के दौरान करीब 14 करोड़ की लागत से बने शहीद शंकर शाह-रघुनाथ शाह संग्रहालय का भ्रमण करेंगे। इसके अलावा वे कटनी जिले के बड़वारा में सांदीपनि विद्यालय का निरीक्षण, प्रदर्शनी का अवलोकन और हितलाभ वितरण कार्यक्रम में भी शामिल होंगे।