जनतंत्र, मध्यप्रदेश, श्रुति घुरैया:
जबलपुर के पवित्र ग्वारीघाट में सोमवार की शाम पुण्य सलिला माँ नर्मदा की आरती का दिव्य दृश्य पूरे वातावरण को भक्तिमय कर गया। इस अवसर पर केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री जगत प्रकाश नड्डा, उनकी धर्मपत्नी मल्लिका बैनर्जी, और मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने पूरे विधि-विधान के साथ माँ नर्मदा की महाआरती में भाग लिया।
स्वस्तिवाचन और जयकारों से गूंजा घाट
आरती की शुरुआत परंपरागत स्वस्ति-वाचन और नर्मदाष्टकम् के श्लोकों से हुई। जैसे ही पुरोहितों के मंत्रोच्चार और “हर-हर नर्मदे, माँ नर्मदे” के जयकारे गूंजे, पूरा ग्वारीघाट भक्ति और श्रद्धा से भर उठा। दीपों की पंक्तियों से घाट जगमगा उठा और भक्तों का उमड़ा सैलाब माहौल को और भी आध्यात्मिक बना रहा।
नड्डा और मुख्यमंत्री ने किया दुग्धाभिषेक व दीपदान
केंद्रीय मंत्री जे.पी. नड्डा और मुख्यमंत्री मोहन यादव ने पुरोहितों की मौजूदगी में माँ नर्मदा का दुग्धाभिषेक किया और दीपदान कर प्रदेश एवं देश की खुशहाली और समृद्धि की प्रार्थना की। नर्मदा जल में दीप प्रवाहित होते ही पूरे घाट पर आस्था की एक अद्भुत छटा बिखर गई।
महाआरती में शामिल हुए कई गणमान्य अतिथि
इस मौके पर प्रदेश के कई वरिष्ठ जनप्रतिनिधि और सामाजिक चेहरे भी मौजूद रहे।
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लोक निर्माण मंत्री राकेश सिंह
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राज्यसभा सदस्य सुमित्रा वाल्मिकी
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सांसद आशीष दुबे
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महापौर जगत बहादुर सिंह अन्नू
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विधायक एवं अध्यक्ष हेमंत खंडेलवाल
इसके अलावा विधायक अशोक रोहाणी, सुशील कुमार तिवारी इंदु, डॉ. अभिलाष पांडे, नीरज सिंह, नगर निगम अध्यक्ष रिकुंज विज, हितानंद शर्मा, आशीष अग्रवाल, संदीप जैन, पर्यटन विकास निगम के पूर्व अध्यक्ष विनोद गोंटिया और पूर्व निःशक्तजन आयुक्त दीपांकर बैनर्जी सहित अनेक संत और धर्माचार्य भी उपस्थित रहे।
महाआरती के समापन पर 14 वर्षीय बालिका तेजस्विनी दुबे ने माँ नर्मदा की स्वच्छता और पवित्रता को बनाए रखने का संकल्प दिलवाया। उनके इस संकल्प के साथ घाट पर उपस्थित जनसमूह ने एक स्वर में माँ नर्मदा को निर्मल और अविरल बनाए रखने का वचन दिया।
ग्वारीघाट की नर्मदा आरती केवल एक धार्मिक अनुष्ठान नहीं, बल्कि यह आस्था, संस्कृति और पर्यावरण संरक्षण का संदेश भी देती है। दीपदान और मंत्रोच्चार से गूंजते घाट पर मंत्रमुग्ध करने वाला दृश्य देखने हजारों श्रद्धालु एकत्रित हुए। केंद्रीय मंत्री नड्डा और मुख्यमंत्री यादव की मौजूदगी ने इस आरती को और भी ऐतिहासिक बना दिया। भक्तों का मानना है कि जब प्रदेश और केंद्र के शीर्ष नेतृत्वकर्ता माँ नर्मदा से प्रार्थना करते हैं, तो यह समाज को एकजुट करने और सकारात्मक ऊर्जा देने वाला क्षण बन जाता है।