जनतंत्र, मध्यप्रदेश, श्रुति घुरैया:
मध्य प्रदेश सरकार इस बार श्रीकृष्ण जन्माष्टमी और बलराम जयंती को विशेष सांस्कृतिक उत्सव के रूप में मनाने जा रही है। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने घोषणा की है कि 14 अगस्त को बलराम जयंती और हलधर महोत्सव, तथा 16 अगस्त को जन्माष्टमी के अवसर पर पूरे प्रदेश में “श्रीकृष्ण पर्व” और “लीला पुरुषोत्तम प्राकट्योत्सव” का आयोजन होगा। इन आयोजनों के जरिए भगवान श्रीकृष्ण से जुड़े पौराणिक स्थलों, प्रमुख मंदिरों और उनके ऐतिहासिक-सांस्कृतिक महत्व को उजागर किया जाएगा। सरकार का उद्देश्य है कि इस अवधि में मध्य प्रदेश पूर्णतः श्रीकृष्णमय माहौल में रंग जाए और हर वर्ग की सहभागिता सुनिश्चित हो।
संस्कृति, पर्यटन और धार्मिक न्यास एवं धर्मस्व मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) धर्मेंद्र भाव सिंह लोधी ने बताया कि इन अवसरों पर बलराम और श्रीकृष्ण के जीवन प्रसंग, उनके अवदान और लोककल्याणकारी जीवन गाथा से जुड़े साहित्यिक संवाद, मंदिरों में भजन-कीर्तन और सांस्कृतिक प्रस्तुतियां होंगी। जन्माष्टमी के दिन जिला स्तर पर मटकी फोड़ प्रतियोगिताएं भी आकर्षण का केंद्र रहेंगी।
कार्यक्रमों का मुख्य केंद्र उज्जैन रहेगा, जहां भगवान कृष्ण ने सांदीपनी आश्रम में शिक्षा प्राप्त की थी। यहां 16 से 18 अगस्त तक भव्य “श्रीकृष्ण पर्व” का आयोजन होगा। पहले दिन विशाला सांस्कृतिक संस्थान, उज्जैन द्वारा कृष्ण लीला, अनुपम वानखेड़े (इंदौर) का बांसुरी वादन और स्वाति उखले (उज्जैन) का भक्ति गायन होगा। दूसरे दिन बरेदी लोकनृत्य, भक्ति गीत और कृष्ण लीला की प्रस्तुति दी जाएगी, जबकि अंतिम दिन ठाठ्या लोकनृत्य और भक्ति गायन के साथ सांस्कृतिक कार्यक्रमों का समापन होगा।
नारायणा धाम मंदिर, उज्जैन में 14 से 18 अगस्त तक होने वाले आयोजनों में भोपाल, दिल्ली, मथुरा, मुंबई और खंडवा सहित विभिन्न स्थानों के कलाकार नृत्य नाटिका, भक्ति गायन, गणगौर लोकनृत्य और रासलीला प्रस्तुत करेंगे। इसी तरह महिदपुर स्थित राधा कृष्ण मंदिर परिसर में फूलों की होली, मयूर नृत्य और वृंदावन शैली की रासलीला का आयोजन होगा।
प्रदेश के अन्य पौराणिक स्थलों पर भी आयोजन होंगे। धार जिले के अमझेरा, जहां श्रीकृष्ण ने रुक्मिणी का हरण किया था, वहां 16 और 17 अगस्त को दो दिवसीय उत्सव में बधाई नृत्य, भक्ति गायन और कृष्ण नृत्य नाटिका प्रस्तुत की जाएगी। जानापाव, जहां भगवान परशुराम ने श्रीकृष्ण को सुदर्शन चक्र दिया था, वहां भी 16 अगस्त को भक्ति गायन के विशेष कार्यक्रम होंगे।
पन्ना के बलदेवजी मंदिर और जुगल किशोर मंदिर में लोकनृत्य, भक्ति गीत और बरेदी नृत्य की झलक देखने को मिलेगी। दमोह, खातेगांव, रीवा, मंडला और महिष्मति घाट जैसे स्थानों पर भी इसी थीम पर कार्यक्रम होंगे। वहीं पाली (उमरिया) स्थित देवी बिरासनी मंदिर में 14 से 16 अगस्त तक तीन दिवसीय समारोह में भक्ति गीत, श्रीकृष्ण नृत्य नाटिका और उड़ीसा की नृत्य प्रस्तुतियां शामिल होंगी।
शहडोल में मानस भवन सभागार और धनपुरी स्थित राधास्वामी मंदिर में रासलीला, भक्ति गायन और नृत्य नाटिका का आयोजन होगा। सभी आयोजनों में दर्शकों के लिए प्रवेश निःशुल्क रहेगा, जिससे अधिक से अधिक लोग इन धार्मिक-सांस्कृतिक अनुभवों का हिस्सा बन सकें।