जनतंत्र, मध्यप्रदेश, श्रुति घुरैया:
मध्यप्रदेश में वर्षा जल के संचयन और जल स्रोतों के संरक्षण के लिए शुरू किए गए जल गंगा संवर्धन अभियान का समापन आज खंडवा में एक विशाल वॉटरशेड सम्मेलन के साथ होगा। इस कार्यक्रम को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी वर्चुअली संबोधित करेंगे, जबकि मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव इस अवसर पर 1518 करोड़ रुपए से अधिक की जल संरचना परियोजनाओं का लोकार्पण और भूमिपूजन करेंगे।
इस कार्यक्रम में पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग की ओर से मनरेगा के तहत 578.08 करोड़ रुपये की लागत से कराए गए 57 हजार से ज्यादा जल संरक्षण कार्यों, प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना के अंतर्गत 63.46 करोड़ के 888 वॉटरशेड प्रोजेक्ट्स, और जल संसाधनों के डिजिटल प्रबंधन हेतु तैयार किए गए वॉटरशेड वर्क मैनेजमेंट सॉफ्टवेयर का लोकार्पण किया जाएगा।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव आज जल संसाधन विभाग की 4 प्रमुख परियोजनाओं – भाम राजगढ़ मध्यम सिंचाई परियोजना, बिहार सारोला बैराज, लाजैरा बैराज, हापला दीपला लघु सिंचाई योजना का लोकार्पण करेंगे। इनकी कुल लागत 312.77 करोड़ है, जिससे 8557 हेक्टेयर क्षेत्र में सिंचाई संभव होगी और 7260 किसानों को सीधा लाभ मिलेगा। साथ ही 563 करोड़ की लागत वाली जावर माइक्रो उद्वहन सिंचाई योजना का उद्घाटन भी होगा, जिससे खंडवा जिले के 52 गांवों के 21,666 किसान लाभान्वित होंगे और 26,000 हेक्टेयर भूमि सिंचित की जा सकेगी।
कार्यक्रम में नगरीय विकास विभाग द्वारा अमृत 2.0 योजना के तहत 50 करोड़ की लागत से पुनर्निर्मित 74 जल संग्रहण संरचनाओं का भी लोकार्पण किया जाएगा। इस अभियान की शुरुआत 30 मार्च को उज्जैन में बाबा महाकाल की नगरी से हुई थी, जब मुख्यमंत्री ने प्रदेशवासियों से पानी की हर बूंद सहेजने की अपील की थी। तीन महीने तक चले इस राज्यव्यापी अभियान में प्रदेश ने जल संरक्षण की दिशा में ऐतिहासिक उपलब्धियां दर्ज की हैं।
इस दौरान प्रदेश में 84,930 खेत तालाब बनाए गए, जबकि लक्ष्य 77,940 का था। यानी लक्ष्य से 7,000 अधिक तालाबों का निर्माण किया गया। इसके अलावा 1 लाख से अधिक कूप रिचार्ज पिट, 1,283 अमृत सरोवर, और 20,955 पुराने जल स्रोतों के जीर्णोद्धार किए गए।
बता दें, मनरेगा परिषद द्वारा इस बार साइंटिफिक प्लानिंग के तहत सिपरी और प्लानर सॉफ्टवेयर का उपयोग किया गया। जल बहाव की दिशा का वैज्ञानिक विश्लेषण कर उपयुक्त स्थानों पर निर्माण कार्य किए गए, जिससे जल संरक्षण कार्यों की प्रभावशीलता भी कई गुना बढ़ी। अब जब मानसून की पहली बारिश हुई है, तो प्रदेश भर में खेत तालाब, कूप रिचार्ज पिट और अमृत सरोवर पानी से लबालब हो गए हैं। कुओं का जलस्तर बढ़ा है और किसानों को नई उम्मीद मिली है।
अभियान के दौरान सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाले टॉप 10 जिलों में खंडवा, बालाघाट, रायसेन, उज्जैन, छिंदवाड़ा, बुरहानपुर, राजगढ़, अशोकनगर, बैतूल और मंडला शामिल हैं।