जनतंत्र, मध्यप्रदेश, श्रुति घुरैया:
मानसून आते ही बीमारियों का खतरा भी बढ़ जाता है। इस मौसम में डेंगू, मलेरिया, चिकनगुनिया और वायरल बुखार जैसी बीमारियां तेजी से फैलने लगती हैं। इन दिनों वायरल बुखार के मरीजों की संख्या में भी इजाफा हो रहा है। बुखार आने पर शरीर तपने लगता है, मांसपेशियों में दर्द, सिर भारी होना और कमजोरी जैसी समस्याएं आम हो जाती हैं। ऐसे में कई लोग यह सोचकर नहाना बंद कर देते हैं कि कहीं पानी के संपर्क में आने से बुखार और न बढ़ जाए! लेकिन क्या वाकई बुखार में नहाना नुकसानदेह है?
डॉक्टर के अनुसार, हल्के बुखार की स्थिति में गुनगुने पानी से नहाना न सिर्फ सुरक्षित है, बल्कि इससे शरीर के तापमान को नियंत्रित करने में मदद मिलती है। नहाने से व्यक्ति तरोताजा महसूस करता है और मांसपेशियों की जकड़न में राहत मिलती है। दरअसल, गुनगुने पानी का स्नान शरीर की थकान को दूर कर मानसिक रूप से भी रिलैक्स करता है।
लेकिन ध्यान दें, अगर बुखार बहुत तेज है यानी हाई फीवर है, और उठने-बैठने में भी परेशानी हो रही है, तो उस समय नहाने की बजाय स्पंजिंग करना बेहतर विकल्प है। इसके लिए गुनगुने पानी में तौलिया भिगोकर निचोड़ें और फिर पूरे शरीर को साफ करें। यह तरीका शरीर का बढ़ा हुआ तापमान कम करने में कारगर साबित होता है। डॉक्टर की सलाह है कि स्पंजिंग के दौरान ठंडे या बर्फ के पानी का प्रयोग न करें, क्योंकि इससे शरीर को झटका लग सकता है और तबीयत और बिगड़ सकती है।
बुखार के दौरान शरीर को स्वच्छ और ठंडक पहुंचाना ज़रूरी है, लेकिन वह प्रक्रिया शरीर की स्थिति के अनुसार होनी चाहिए। अगर हल्का बुखार है तो गुनगुने पानी से स्नान करें, तेज बुखार है तो स्पंजिंग करें, और ठंडे पानी से नहाने से पूरी तरह बचें।
इस मौसम में वायरल संक्रमण से बचने के लिए स्वच्छता, संतुलित आहार और पर्याप्त नींद पर भी ध्यान देना ज़रूरी है। यदि बुखार दो दिन से ज्यादा बना रहे या लगातार तेज बना हुआ हो तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।
(डिस्क्लेमर: यह लेख केवल सामान्य जानकारी के लिए है। किसी भी तरह का घरेलू उपाय आज़माने से पहले चिकित्सक से सलाह अवश्य लें।)