भोपाल सेंट्रल जेल की हाई सिक्योरिटी सेल आतंकियों से फुल, 69 आतंकियों की मौजूदगी के बीच तैयार हुईं 12 नई सेलें तैयार; 1.20 करोड़ से बनीं नई हाई सिक्योरिटी सेल!

You are currently viewing भोपाल सेंट्रल जेल की हाई सिक्योरिटी सेल आतंकियों से फुल, 69 आतंकियों की मौजूदगी के बीच तैयार हुईं 12 नई सेलें तैयार; 1.20 करोड़ से बनीं नई हाई सिक्योरिटी सेल!

जनतंत्र, मध्यप्रदेश, श्रुति घुरैया:

भोपाल सेंट्रल जेल, जिसे देश की सबसे सुरक्षित जेलों में गिना जाता है, अब आतंकियों की बढ़ती तादाद के कारण अपनी क्षमता से ज्यादा बोझ उठा रही है। हाई सिक्योरिटी सेल में बंद आतंकियों की संख्या अब इस कदर बढ़ गई है कि जेल प्रशासन को अतिरिक्त व्यवस्था करनी पड़ी। फिलहाल जेल में 69 आतंकी बंद हैं, जबकि हाई सिक्योरिटी सेल की कुल क्षमता महज 58 कैदियों की है। यही वजह है कि अब 12 नई हाई सिक्योरिटी सेल का निर्माण कराया गया है, जिनमें जल्द ही आतंकियों को शिफ्ट किया जाएगा।

इस पूरे प्रोजेक्ट पर 1.20 करोड़ रुपये का बजट खर्च हुआ है। दो साल में इन सेल्स को तैयार किया गया है। अब ये अतिरिक्त सेल आतंकियों की निगरानी और सुरक्षा के लिहाज़ से अत्यंत महत्वपूर्ण साबित होंगी।

आतंकियों के आंकड़े चौंकाने वाले

बता दें, भोपाल सेंट्रल जेल में बंद 69 आतंकियों में 23 आतंकी स्टूडेंट्स इस्लामिक मूवमेंट ऑफ इंडिया (SIMI) से जुड़े हैं। इसके अलावा पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) से 21, हिज्ब उत-तहरीर (HUT) से 17, जमात-उल-मुजाहिदीन बांग्लादेश (JMB) से 4 और इस्लामिक स्टेट ऑफ इराक एंड सीरिया (ISIS) से भी 4 आतंकियों को रखा गया है। इन सभी का अपराध रिकॉर्ड गंभीर है और वे राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए बड़ा खतरा माने जाते हैं।

रोजाना तय समय के लिए बाहर आते हैं आतंकी

चौंकाने वाली बात यह है कि इन हाई रिस्क आतंकियों को रोजाना 3.30 घंटे के लिए सेल से बाहर निकाला जाता है। सुबह ढाई घंटे और शाम को एक घंटे की अनुमति दी जाती है, ताकि वे धूप में रह सकें, टहल सकें या कपड़े सुखा सकें। लेकिन इस दौरान हर एक आतंकी की कड़ी निगरानी की जाती है।

हर आतंकी पर दो सुरक्षा प्रहरियों की जिम्मेदारी होती है। साथ ही, बाहर आने वाले आतंकियों को एक-दूसरे से पूरी तरह अलग रखा जाता है और आपस में बातचीत की कोई अनुमति नहीं होती। यह प्रक्रिया सख्त सुरक्षा मानकों के तहत होती है।

नियमों के तहत मिलने की इजाजत, लेकिन कुछ अपवाद

भोपाल जेल मैन्युअल के अनुसार, आतंकियों को उनके परिजनों से मिलने और कैंटीन जैसी बुनियादी सुविधाएं दी जाती हैं। हालांकि, कामरान, अबु फैज़ल, शिबली और कमरुद्दीन जैसे कुख्यात आतंकियों को इन सुविधाओं से वंचित रखा गया है। बाकी 65 आतंकी मैन्युअल के तहत मिलने की इजाजत पाते हैं और जेल की ड्रेस एवं टोपी पहनते हुए नियमों का पालन करते हैं।

Leave a Reply