बेंगलुरु भगदड़ कांड: RCB अधिकारी गिरफ्तार, 8 पुलिस अफसर सस्पेंड; हाईकोर्ट तक पहुंचा मामला, अगली सुनवाई 10 जून को!

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जनतंत्र, मध्यप्रदेश, श्रुति घुरैया:

बेंगलुरु के चिन्नास्वामी स्टेडियम में हाल ही में हुए भगदड़ कांड ने पूरे कर्नाटक को झकझोर कर रख दिया है। इस कांड की गूंज अब कर्नाटक हाईकोर्ट तक पहुंच चुकी है, जहां मामले में स्वत: संज्ञान लेते हुए अदालत ने राज्य सरकार से विस्तृत रिपोर्ट मांगी है। इस घटना की जड़ में उस भव्य कार्यक्रम को माना जा रहा है, जो रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु (RCB) की टीम के सम्मान में आयोजित किया गया था। अब इस मामले में पुलिस ने बड़ा एक्शन लेते हुए RCB के सीनियर मार्केटिंग ऑफिसर निखिल सोसाले को एयरपोर्ट से गिरफ्तार कर लिया है। निखिल मुंबई भागने की कोशिश कर रहा था, लेकिन पुलिस ने उसे समय रहते पकड़ लिया।

इसी कड़ी में पुलिस ने DNA एंटरटेनमेंट प्राइवेट लिमिटेड नामक इवेंट मैनेजमेंट कंपनी के तीन वरिष्ठ अधिकारियों—किरण, सुमंथ और सुनील मैथ्यू को भी हिरासत में लिया है। इनसे क्यूब्बन पार्क थाना क्षेत्र में ACP प्रकाश पूछताछ कर रहे हैं। आरोप है कि इवेंट का आयोजन पूरी तरह से अव्यवस्थित था और सुरक्षा प्रबंध नाकाफी थे, जिससे भगदड़ मची।

इस बीच कर्नाटक स्टेट क्रिकेट एसोसिएशन (KSCA) के दो बड़े अधिकारी—सचिव शंकर और कोषाध्यक्ष जयराम—फरार हैं। पुलिस जब इन दोनों के घर पहुंची तो वे वहां नहीं मिले। फिलहाल इनकी तलाश जारी है। इसी बीच KSCA ने अपने खिलाफ दर्ज FIR को रद्द कराने के लिए हाईकोर्ट में रिट याचिका दायर की है, जिस पर आज जस्टिस कृष्ण कुमार की बेंच में सुनवाई होनी है।

घटना के बाद मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने बड़ा फैसला लेते हुए बेंगलुरु के पुलिस कमिश्नर बी दयानंद सहित 8 अधिकारियों को सस्पेंड कर दिया है। इनके अलावा एडिशनल पुलिस कमिश्नर, क्यूब्बन पार्क थाना प्रभारी, ACP, DCP सेंट्रल डिवीजन, क्रिकेट स्टेडियम प्रभारी और अन्य को भी निलंबित कर दिया गया है। IPS अधिकारी सीमंत कुमार सिंह को बेंगलुरु का नया पुलिस कमिश्नर नियुक्त किया गया है।

मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने यह भी स्पष्ट किया कि RCB और DNA एजेंसी के अधिकारियों की गिरफ्तारी का आदेश स्वयं उन्होंने दिया था। इसके साथ ही उन्होंने हाईकोर्ट के रिटायर्ड जज माइकल डी’कुन्हा की अध्यक्षता में एक सदस्यीय जांच आयोग गठित किया है, जो 30 दिनों के भीतर रिपोर्ट देगा।

दूसरी ओर, कर्नाटक हाईकोर्ट ने इस मामले पर स्वत: संज्ञान लेते हुए राज्य सरकार से 10 जून तक विस्तृत स्टेटस रिपोर्ट दाखिल करने को कहा है। कोर्ट में गुरुवार को पेश की गई रिपोर्ट में बताया गया कि अब इस केस की जांच CID करेगी और इसके लिए एक स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम (SIT) का गठन भी किया जाएगा।

FIR में भगदड़ की मुख्य वजह अव्यवस्था और जिम्मेदार एजेंसियों की लापरवाही को बताया गया है। कोर्ट की बेंच, जिसमें Acting चीफ जस्टिस वी. कामेश्वर राव और जस्टिस सी. एम. जोशी शामिल हैं, ने राज्य सरकार से यह भी पूछा कि ऐसे आयोजनों की अनुमति किस आधार पर दी गई थी।

हाईकोर्ट की सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता के वकील ने तीखा सवाल उठाते हुए कहा कि सरकार को यह स्पष्ट करना चाहिए कि RCB के उन खिलाड़ियों को सम्मानित करने की क्या आवश्यकता थी जो देश के लिए नहीं खेलते हैं। आखिर ऐसा कौन-सा दबाव था कि एक IPL टीम के लिए सरकारी तंत्र को झोंक दिया गया?

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