“हमने दंगा-फसाद होने में पूरी कोशिश की” – दिग्विजय सिंह के पुराने बयान से मचा बवाल: मंत्री विश्वास सारंग ने सोशल मीडिया पर शेयर किया 1 मिनट 12 सेकंड का विडियो, लगाया दंगे भड़काने का आरोप!

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जनतंत्र, मध्यप्रदेश, श्रुति घुरैया:

राजनीति में बयानों का वज़न शब्दों से कहीं ज़्यादा होता है—और जब ये बयान इतिहास के संवेदनशील पन्नों से जुड़े हों, तो हर शब्द आग बनकर उड़ता है। ऐसा ही एक मामला सामने आया है मध्यप्रदेश से, जहाँ पूर्व मुख्यमंत्री और वरिष्ठ कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह एक पुराने वीडियो के चलते जबरदस्त विवादों में घिर गए हैं।

1 मिनट 12 सेकंड का वायरल वीडियो—जो खेल एवं सहकारिता मंत्री विश्वास सारंग ने सोशल मीडिया पर शेयर किया—ने मध्यप्रदेश की राजनीति में बवाल मचा दिया है। वीडियो में दिग्विजय सिंह बाबरी मस्जिद विध्वंस के बाद हुए दंगों का ज़िक्र करते हुए कह रहे हैं कि “हमने दंगा-फसाद होने में पूरी कोशिश की…”। बस, यही लाइन विपक्ष के लिए आग लगाने वाली बन गई।

विश्वास सारंग ने इस वीडियो को हथियार बनाते हुए कहा, “दिग्विजय सिंह ने खुद स्वीकार कर लिया कि बाबरी कांड के बाद दंगे उन्होंने कराए। कांग्रेस ने इस देश में दंगे करवाने का काम किया है, और आज यह साबित हो गया है।” अपने बयान में उन्होंने कहा, “दिग्विजय सिंह ने स्वीकार ही किया कि बाबरी मस्जिद कांड के बाद दंगा फसाद उन्हीं ने कराया। वह स्वयं कह रहे हैं कि बाबरी मस्जिद शहीद हुई और उसके बाद कांग्रेस अध्यक्ष रहते हुए दंगा फसाद कराया।”

सारंग ने आगे कहा, “यह बयान साफ करता है कि कांग्रेस ने इस देश में दंगा फसाद कराने का काम किया है। दिग्विजय सिंह ने खुद कबूल किया है कि दंगे उन्होंने कराए थे।”

मगर मामला इतना सीधा नहीं है। दिग्विजय सिंह ने पलटवार करते हुए साफ कहा कि उनका बयान तोड़-मरोड़ कर पेश किया गया है। दिग्विजय सिंह का यह बयान उस समय आया जब वे शाजापुर के मुस्लिम सम्मेलन में शामिल हो रहे थे, जहाँ उन्होंने पुलिस कार्रवाई, पक्षपात और ग़रीब तबके के शोषण पर भी सवाल उठाए थे।

बता दें, 1 मिनट 12 सेकंड के वायरल वीडियो में पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह कह रहे हैं- “ऐसे अनेक मेरे पास उदाहरण हैं, जब बाबरी मस्जिद शहीद हुई थी उस समय मैं प्रदेश कांग्रेस का अध्यक्ष था, भोपाल शहर में 1947 में भी दंगा नहीं हुआ लेकिन बाबरी मस्जिद गिरने पर दंगा हुआ। लगभग दो हफ्ते तक मैंने प्रदेश कांग्रेस कमेटी के दफ्तर में रात बिताई। मैं घर नहीं जाता था। लेकिन हमने दंगा फसाद होने में पूरी कोशिश की। पूर्व मुख्यमंत्री ने बाबरी मस्जिद के संदर्भ में आगे कहा कि भोपाल में एक काजी कैम्प है, जहां सलामत सिद्दीकी नामक पार्षद ने उन्हें बताया था कि पुलिस की वर्दी में लोग रात के समय उनके घर आए थे।”

 

 

 

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