भोपाल में मंत्री विश्वास सारंग बने ‘मसीहा’, मंदिर की चौखट पर बेबस मां के लिए मंत्री सारंग ने बढ़ाया मदद का हाथ; नौकरी और आर्थिक सहायता का दिया भरोसा

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जनतंत्र, मध्यप्रदेश, श्रुति घुरैया:

रविवार की शाम, भोपाल के छोला क्षेत्र में स्थित प्रसिद्ध खेड़ापति हनुमान मंदिर में श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ी हुई थी। मंदिर में भक्तगण हनुमान जी के चरणों में शीश नवाकर आशीर्वाद प्राप्त कर रहे थे। इस बीच, मध्य प्रदेश सरकार में सहकारिता, खेल एवं युवा कल्याण मंत्री विश्वास कैलाश सारंग भी मंदिर में दर्शन करने पहुंचे थे।

मंत्री सारंग ने विधिपूर्वक हनुमान जी की पूजा-अर्चना की, चोला चढ़ाया और आरती में भाग लिया। जैसे ही वे दर्शन कर वापस लौटने लगे, अचानक उनकी नजर मंदिर की चौखट पर बैठी एक महिला पर पड़ी, जो अपने दो छोटे बच्चों को सीने से लगाए आंसू बहा रही थी। महिला के चेहरे पर चिंता और बेबसी साफ झलक रही थी।

रोती महिला को देख ठहर गए मंत्री

मंत्री सारंग का काफिला जैसे ही मंदिर के बाहर जाने के लिए आगे बढ़ा, उनकी दृष्टि उस महिला पर गई, जो अपनी बदहाल स्थिति में मंदिर की चौखट पर बैठी हुई थी। वह बेबस, असहाय और टूटी हुई लग रही थी। मंत्री ने तुरंत अपने सुरक्षा दस्ते को इशारा किया और काफिला वहीं रुकवाया। वे अपनी गाड़ी से उतरे और सीधे महिला के पास पहुंचे। भीड़ भी इस नज़ारे को देखने के लिए ठहर गई।

महिला की कहानी सुनकर भावुक हुए मंत्री

मंत्री सारंग ने बड़ी नरम आवाज़ में महिला से उसके रोने का कारण पूछा। पहले तो महिला कुछ बोल ही नहीं पाई, गले से बस सिसकियां निकल रही थीं।

जब मंत्री ने उसे ढांढस बंधाया, तब उसने कांपती आवाज़ में बताया— “मेरे पति वेल्डिंग का काम करते हैं, लेकिन उनके पास अब कोई काम नहीं बचा। घर में खाने तक के लाले पड़ गए हैं। बच्चों की स्कूल फीस नहीं भर पाई, स्कूल वालों ने फीस ना देने पर निकालने की धमकी दी है। हम मंदिर में भगवान से मदद मांगने आए थे।”

महिला की यह दयनीय स्थिति सुनकर मंत्री सारंग कुछ क्षण के लिए गहरे सोच में पड़ गए। फिर मंत्री सारंग ने महिला के कंधे पर हाथ रखते हुए कहा— “हनुमान जी ने ही मुझे आपकी मदद के लिए भेजा है। चिंता मत करो, तुम्हारी समस्या का समाधान मैं करूंगा!” इसके बाद मंत्री ने अपने निजी सचिव को तुरंत बुलाया और महिला को आर्थिक सहायता देने के निर्देश दिए। साथ ही, उन्होंने महिला के पति को नौकरी दिलवाने का भी आश्वासन दिया। इसके अलावा, मंत्री सारंग ने यह भी कहा कि वह महिला के बच्चों की स्कूल फीस माफ करवा देंगे। मंत्री सारंग के इस कदम से महिला को राहत मिली और उसकी चिंता कुछ कम हुई। उसने मंत्री के सामने आकर उन्हें धन्यवाद दिया और उनकी मदद के लिए आभार व्यक्त किया।

यह पहली बार नहीं था जब मंत्री विश्वास सारंग ने किसी असहाय व्यक्ति की मदद की हो। पिछले वर्ष, नरेला विधानसभा क्षेत्र में आयोजित एक सार्वजनिक कार्यक्रम में, एक दिव्यांग बच्ची के पिता ने मंत्री सारंग से अपने बच्चे के इलाज के लिए मदद मांगी थी। मंत्री ने बिना कोई देरी किए उस बच्चे के ऑपरेशन की व्यवस्था करवाई थी।

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