खरमास का आगमन: एक माह तक बंद रहेंगे मांगलिक कार्य, 14 अप्रैल के बाद खुलेंगे शुभ मुहूर्तों के द्वार; 8 जून के बाद भी नहीं होंगे विवाह

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जनतंत्र, मध्यप्रदेश, श्रुति घुरैया:

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, जब सूर्य मीन राशि में प्रवेश करता है, तो खरमास या मलमास की अवधि शुरू हो जाती है। इस बार 14 मार्च को सूर्य कुंभ राशि को छोड़कर मीन राशि में प्रवेश करेगा, जिससे एक माह तक सभी शुभ और मांगलिक कार्य वर्जित रहेंगे। विवाह, गृह प्रवेश, नामकरण, यज्ञोपवीत और अन्य शुभ कार्यों पर रोक लग जाएगी। 14 अप्रैल की सुबह जब सूर्य मीन से निकलकर मेष राशि में प्रवेश करेगा, तब मांगलिक कार्यों का शुभारंभ होगा।

खरमास क्यों होता है अशुभ?

ज्योतिषाचार्य के अनुसार, सूर्य का उच्च अंश मेष राशि में होता है, जबकि मीन राशि में इसका प्रभाव कमज़ोर होता है। जब सूर्य मीन से निकलकर मेष में प्रवेश करता है, तो इसका प्रभाव बढ़ जाता है। उच्च अंश में आने पर सूर्य सकारात्मक ऊर्जा का संचार करता है। इसी कारण चैत्र और वैशाख में सूर्य का मेष राशि में भ्रमण होता है, जिससे मांगलिक कार्यों की शुरुआत होती है। इस बार अप्रैल और मई में 11 महत्वपूर्ण मुहूर्त होंगे, जिन पर मांगलिक कार्य संपन्न किए जा सकेंगे।

14 अप्रैल के बाद खुलेंगे शुभ मुहूर्तों के द्वार
सूर्य के मेष राशि में प्रवेश करने के बाद अप्रैल और मई के महीने में विवाह, गृह प्रवेश और अन्य शुभ कार्यों के लिए 11 महत्वपूर्ण मुहूर्त रहेंगे।

  •  अप्रैल के शुभ मुहूर्त: 2, 7, 9, 14, 18, 30
  • मई के शुभ मुहूर्त: 1, 7, 8, 28, 29
  • जून का एकमात्र शुभ मुहूर्त: 8 जून

मुंडन संस्कार के लिए विशेष तिथियां:

  • अप्रैल – 14, 24
  • मई – 1, 3

8 जून के बाद नहीं होंगे विवाह
8 जून के बाद बृहस्पति के वार्धक्य दोष और अस्त होने के कारण विवाह और अन्य शुभ कार्य नहीं किए जा सकेंगे। इसके बाद विवाह कार्यों की दोबारा शुरुआत 16 नवंबर से होगी।

  •  विवाह के लिए शुभ तिथियां (नवंबर-दिसंबर 2025)
  • नवंबर: 16, 22, 23, 25, 30
  • दिसंबर: 4

बता दें, खरमास के दौरान धार्मिक अनुष्ठान, दान-पुण्य और भक्ति कार्यों को विशेष महत्व दिया जाता है। लेकिन इस दौरान गृह प्रवेश, नए व्यवसाय की शुरुआत, विवाह और अन्य शुभ कार्यों से परहेज करना चाहिए।

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