Haryana: Ved Prakash Vidrohi ने कहा कि कनीना नगर के पास एक निजी स्कूल बस का पलटने से 8 मासूम बच्चे की मौत हो गई

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Haryana: स्वयंसेवी संस्था ग्रामीण भारत के अध्यक्ष एवं Haryana प्रदेश Congress कमेटी के प्रवक्ता Ved Prakash Vidrohi ने जिला महेन्द्रगढ़ के कनीना कस्बे के पास एक निजी स्कूल की बस पलटने से 8 मासूम बच्चों की मौत व एक दर्जन से ज्यादा स्कूली बच्चों के गंभीर रूप से घायल होने पर गंभीर चिंता प्रकट करते हुए हर मृतक परिवारजनों के प्रति गहरी शोक संवेदना प्रकट की व घायल बच्चों के शीघ्र स्वास्थ्य लाभ की कामना की। Vidrohi ने कहा कि कनीना के पास एक निजी स्कूल की बस घटना एक साधारण घटना न होकर पूरे Haryana में निजी स्कूल संचालकों की मनमानी का ऐसा प्रमाण है जो बताता है कि निजी स्कूल न केवल सरकारी नियमों की अवेहलना करते है अपितु पैसा कमाने व बचाने के लिए मासूम बच्चों के जीवन के साथ खिलवाड़ भी करते है। प्रशासन व BJP सरकार ने कनीना के सम्बन्धित GL Public School की बस पलटने व बच्चों की मौत के जांच आदेश का लालीपोप तो थमाया है, पर जो महेन्दगढ़ प्रशासन, पुलिस व शिक्षा विभाग इस हदय विदारक घटना के लिए जिम्मेदार है, भला वे क्या स्वयं जांच करेंगे?

जांच के नाम पर लीपापोती करके मामले को ठंडा करके पूर्व की तरह निजी स्कूल संचालकों की मनमानी करने का अवसर BJP सरकार सुनियोजित रणनीति के तहत देना चाहती है।

विद्रोही ने कहा कि यदि BJP सरकार ईमानदार व गंभीर होती तो कनीना के पास निजी स्कूल बस पलटने की घटना को एक वेकअप काल के रूप में लेकर पूरे प्रदेश में निजी स्कूलों की मनमानी पर नकेल कसने के लिए इस घटना की जांच Punjab-Haryana High Court के सिटिंग जज को सौंपकर ऐसी सिफारिशे उनसे मांगनी चाहिए कि प्रदेश में फिर ऐसी घटना दोबारा न हो। सवाल उठता है कि ईद की सरकारी छुट्टी के दिन कनीना के इस GL Public School सहित पूरे प्रदेश के अधिकांश निजी स्कूल खुले क्यों थे? निजी स्कूल सरकारी छुट्टियों व आपातकाल में स्कूल बंद रखने के सरकारी निर्देशों की पूरे Haryana में खुलेआम धज्जियां क्यों उड़ाते है? कहीं भी बसों के फिटनेस सर्टिफिकेट, इंश्योरेंस, ड्राईवरों के लाईसेंस पर पुलिस व प्रशासन नजर रखने की बजाय उपेक्षा क्यों करता है? कनीना में जिस बस का एक्सीडेंट हुआ, उस बस का फिटनेस प्रमाण पत्र लैप्स हो चुका था। सात सालों से इस बस का इंश्योरेंस नही था।

वहीं सुप्रीम कोर्ट की भी गाईड लाईनों की उपेक्षा इस बस व प्रदेश के भी निजी स्कूल बसों में धडल्ले की जा रही है। सरकार Punjab-Haryana High Court के सिटिंग जज की अध्यक्षता में न्यायिक जांच से भागकर SDM या ADC से जांच करवाकर लीपापोती क्यों करना चाहती है? विद्रोही ने कहा कि अब समय आ गया है कि पूरे प्रदेश के निजी स्कूल संचालकों व सत्तारूढ़ नेताओं के नापाक गठजोड़ को तोडकर खुलेआम हो रही निजी स्कूलों की मनमानी पर रोक लगाने के लिए कठोर कदम उठाये जाये। हर जिले में नियमों की परिपालना के लिए जिला उपायुक्त व जिला पुलिस अधीक्षक की जवाबदेही तय हो। वहीं नियमों की अवेहलना होने पर उपाुक्त व SP, जिला शिक्षा अधिकारी से लेकर हर छोटे-बडे अधिकारी को जवाबदेह मानकर उनके खिलाफ कठोर प्रशसानिक व कानूनी कार्रवाई हो तभी सत्ता सरंक्षण प्राप्त निजी स्कूलों की मनमानी पर अंकुश लगाकर उनसे नियमों की परिपालना करवाई जा सकती है।

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