जनतंत्र, मध्यप्रदेश, श्रुति घुरैया:
दतिया ज़िले के नौनेर गांव में मंगलवार को केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने देश के सबसे अत्याधुनिक पशु एवं मात्स्यिकी अस्पताल का शुभारंभ किया। लगभग 350 करोड़ रुपये की लागत से 186 एकड़ भूमि पर तैयार यह अस्पताल न सिर्फ मध्यप्रदेश बल्कि पूरे बुंदेलखंड क्षेत्र के लिए मील का पत्थर साबित होगा। इस अस्पताल में घरेलू पशुओं से लेकर शेर, बाघ, तेंदुआ और हाथी जैसे जंगली जीवों तक का इलाज संभव होगा।
ग्रामीणों से की सीधी बातचीत
दिल्ली से दतिया पहुंचने के बाद शिवराज सिंह चौहान ने अस्पताल के गेट पर खड़े ग्रामीणों से मुलाकात की। कई ग्रामीणों ने अपनी समस्याएं उनके सामने रखीं और आवेदन सौंपे। मंत्री ने ग्रामीणों को आश्वासन दिया कि उनकी समस्याओं पर शीघ्र ही कार्रवाई की जाएगी।
पांच साल पहले रखी गई थी नींव
इस अस्पताल की परिकल्पना सितंबर 2020 में की गई थी, जब तत्कालीन कृषि मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर और तत्कालीन गृहमंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्रा ने इसकी आधारशिला रखी थी। पांच साल की मेहनत के बाद यह सपना साकार हुआ है।
अस्पताल प्रबंधन के अनुसार, इस स्तर का कोई दूसरा पशु अस्पताल मध्यप्रदेश, उत्तर प्रदेश और पूरे बुंदेलखंड में मौजूद नहीं है। यहां पास के वन क्षेत्रों और अभयारण्यों में पाए जाने वाले दुर्लभ जंगली जीवों का भी उपचार किया जाएगा।
मात्स्यिकी अस्पताल की योजना
पशु चिकित्सा के साथ ही यहां मछली पालन को बढ़ावा देने पर भी जोर दिया गया है। अस्पताल परिसर में 30 छोटे तालाब और दो बड़े तालाब बनाए जा रहे हैं। इनका उपयोग प्रशिक्षण और मछली बीज उत्पादन के लिए किया जाएगा। इसके अलावा एक हेचरी (Hatchery) भी स्थापित की जा रही है, जहां उच्च गुणवत्ता का मछली बीज तैयार कर किसानों को उपलब्ध कराया जाएगा।
इससे ग्रामीण क्षेत्रों में मछली पालन को बढ़ावा मिलेगा और किसानों को आर्थिक रूप से सशक्त बनने का अवसर मिलेगा। वहीं, कॉलेज में पढ़ने वाले छात्रों को मछली प्रजनन की वैज्ञानिक और प्रायोगिक जानकारी हासिल करने का मौका भी मिलेगा।
शिक्षा और शोध का बड़ा केंद्र
अस्पताल केवल इलाज तक सीमित नहीं रहेगा बल्कि यह शिक्षा और शोध का भी केंद्र बनेगा। फिलहाल यहां बीएफएससी, एमव्हीएससी और एमएफएससी जैसे कोर्स संचालित हो रहे हैं। इसी वर्ष से पीएचडी कार्यक्रम भी शुरू करने की तैयारी है।
इसके अलावा, मध्यप्रदेश और उत्तर प्रदेश सरकारों को पत्र लिखकर दो वर्षीय डिप्लोमा कोर्स शुरू करने की प्रक्रिया आगे बढ़ाई गई है। अभी यहां एडमिशन ऑल इंडिया टेस्ट के आधार पर हो रहे हैं। गौर करने वाली बात यह है कि अब तक 27 राज्यों के छात्र और 20 राज्यों के शिक्षक यहां जुड़ चुके हैं।
अस्पताल की प्रमुख विशेषताएं
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350 करोड़ की लागत से 186 एकड़ में निर्मित।
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शेर, बाघ, चीता, तेंदुआ और हाथी तक का इलाज।
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आधुनिक एक्स-रे, अल्ट्रासाउंड और ऑपरेशन थिएटर की सुविधा।
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10-10 छोटे-बड़े जानवरों के लिए भर्ती व्यवस्था।
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ग्रामीण क्षेत्रों तक पहुंचने के लिए मोबाइल एंबुलेंस सेवा।
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वीडियो कॉलिंग के जरिए परामर्श और उपचार।
ओपीडी में विशेषज्ञ डॉक्टर मौजूद रहेंगे और यहां माइनर व मेजर ऑपरेशन निशुल्क किए जाएंगे, जबकि दवाइयों का खर्च पशुपालकों को उठाना होगा।
मॉडल अस्पताल बनेगा दतिया
रानी लक्ष्मीबाई केंद्रीय विश्वविद्यालय झांसी के कुलपति अशोक कुमार सिंह ने बताया कि इस अस्पताल को एक मॉडल संस्थान के रूप में विकसित किया जाएगा। यहां हर सुविधा एक ही कैंपस में उपलब्ध होगी – नीचे पशुओं का अस्पताल और ऊपर डॉक्टरों की व्यवस्था। इससे इमरजेंसी स्थितियों में भी समय पर उपचार मिल सकेगा।