जनतंत्र, मध्यप्रदेश, श्रुति घुरैया:
बच्चों की त्वचा बेहद कोमल और संवेदनशील होती है। जरा सी लापरवाही या केमिकल युक्त प्रोडक्ट्स का इस्तेमाल उनकी नाजुक स्किन पर नकारात्मक असर डाल सकता है। कई बार पैरेंट्स अपने बच्चों के चेहरे पर उभरते सफेद धब्बों को देखकर बेहद परेशान हो जाते हैं। मन में डर घर कर जाता है – कहीं ये कोई गंभीर बीमारी तो नहीं? कुछ लोग इसे विटामिन की कमी से जोड़ते हैं, तो कुछ इसे विटिलिगो जैसी बीमारी का संकेत मान बैठते हैं। लेकिन, क्या सच में ऐसा है?
शारदा हॉस्पिटल के इंटरनल मेडिसिन डिपार्टमेंट के प्रोफेसर डॉ. भुमेश त्यागी के मुताबिक, बच्चों के चेहरे पर सामान्य रूप से दिखने वाले सफेद दागों को पिट्रिआसिस एल्बा कहा जाता है। यह कोई गंभीर रोग नहीं होता, बल्कि स्किन की ड्रायनेस और देखभाल की कमी की वजह से होता है। अगर त्वचा की सही देखभाल की जाए, तो यह धीरे-धीरे खुद ही खत्म हो सकता है। लेकिन इसके लिए सही जानकारी और सतर्कता बेहद जरूरी है।
जानिए क्यों होते हैं बच्चों के चेहरे पर सफेद धब्बे?
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स्किन की सूखापन (ड्रायनेस) – ज्यादातर मामलों में ये सफेद धब्बे त्वचा के रूखेपन की वजह से होते हैं। गर्मियों में अधिक धूप लगना, या सर्दियों में मॉइश्चराइज न करना इसका कारण बन सकता है।
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केमिकल युक्त प्रोडक्ट्स का इस्तेमाल – बच्चों की त्वचा पर सख्त साबुन, फेसवॉश या लोशन का इस्तेमाल त्वचा को नुकसान पहुंचा सकता है। इससे स्किन में जलन, रुखापन और बाद में सफेद धब्बे उभर सकते हैं।
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सन एक्सपोजर (धूप में रहना) – जब बच्चों की त्वचा लंबे समय तक तेज धूप के संपर्क में आती है, तो UV किरणें त्वचा की पिगमेंटेशन को प्रभावित कर सकती हैं। इससे स्किन के कुछ हिस्से सफेद पड़ सकते हैं।
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विटामिन D या कैल्शियम की कमी – हालांकि हर सफेद दाग विटामिन की कमी से नहीं होता, लेकिन लंबे समय तक पोषण की कमी त्वचा की रंगत पर असर डाल सकती है।
क्या ये विटिलिगो (Vitiligo) है?
नहीं, हर सफेद दाग विटिलिगो नहीं होता। विटिलिगो एक ऑटोइम्यून डिसऑर्डर होता है, जिसमें शरीर की रोग प्रतिरोधक प्रणाली मेलानिन उत्पादक कोशिकाओं पर हमला करती है। इसकी पहचान केवल डॉक्टर ही कर सकते हैं। आमतौर पर पिट्रिआसिस एल्बा और विटिलिगो को लक्षणों के आधार पर अलग किया जा सकता है।
क्या करें जब दिखें ऐसे सफेद धब्बे?
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त्वचा को मॉइश्चराइज करें – दिन में कम से कम दो बार स्किन को मॉइश्चराइज करें। वर्जिन कोकोनट ऑयल का इस्तेमाल सबसे बेहतर होता है।
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सनस्क्रीन लगाएं – 6 महीने से बड़े बच्चों के चेहरे पर रोजाना हल्का सनस्क्रीन लगाएं, खासकर धूप में निकलने से पहले।
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केमिकल वाले प्रोडक्ट्स से बचें – बच्चों के लिए माइल्ड, फ्रेगरेंस-फ्री और केमिकल-फ्री साबुन और स्किन प्रोडक्ट्स का इस्तेमाल करें।
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पौष्टिक आहार दें – बच्चों की डाइट में विटामिन A, D, E और मिनरल्स शामिल करें ताकि स्किन हेल्दी बनी रहे।
डॉक्टर को कब दिखाएं?
अगर सफेद धब्बे –
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तेजी से बढ़ रहे हों,
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आसपास फैल रहे हों,
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उनमें खुजली, जलन या लालिमा दिख रही हो,
तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें। ऐसे मामलों में डर्मेटोलॉजिकल जांच जरूरी हो सकती है।