जनतंत्र, मध्यप्रदेश, श्रुति घुरैया:
मध्यप्रदेश के सागर जिले में जमीन विवाद ने एक निर्दोष युवक की जान ले ली। रहली थाना क्षेत्र के ग्राम देवरी चौधरी में शनिवार सुबह 28 वर्षीय ओंकार अहिरवार की निर्मम हत्या कर दी गई। हमलावरों ने दिनदहाड़े धारदार हथियारों से हमला कर उसकी गर्दन समेत पूरे शरीर पर कई वार किए। हत्या के 24 घंटे बाद भी मृतक के परिजनों ने शव का अंतिम संस्कार नहीं किया है। वे आरोपियों के घरों को तोड़ने और सख्त कार्रवाई की मांग पर अड़े हैं।
परिजनों का गुस्सा रविवार को भी शांत नहीं हुआ। उन्होंने शव को घर पर ही रखा और प्रशासन के खिलाफ विरोध जारी रखा। शनिवार को उन्होंने रहली-जबलपुर मार्ग पर करीब 6 घंटे तक शव रखकर चक्काजाम किया था। मौके पर पुलिस बल तैनात रहा।
कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष जीतू पटवारी और भीम आर्मी प्रमुख चंद्रशेखर आजाद ने दी समर्थन की बात
रविवार को सियासत भी तेज हो गई। कांग्रेस के प्रदेशाध्यक्ष जीतू पटवारी ने पीड़ित परिवार से मुलाकात कर संवेदना व्यक्त की और एससी-एसटी एक्ट के तहत सख्त कार्रवाई कराने का आश्वासन दिया। भीम आर्मी के चीफ और नगीना से सांसद चंद्रशेखर आजाद भी परिवार से मिले। उन्होंने अधिकारियों से बात कर पीड़ितों को न्याय दिलाने और सुरक्षा की मांग की।
दरअसल, ओंकार अहिरवार अपने पिता मुल्लू अहिरवार और अन्य परिजनों के साथ शनिवार सुबह अपने गांव स्थित मकान की ओर जा रहा था। रास्ते में स्कूल के पास पहले से घात लगाए बैठे आरोपी—बिदर उर्फ विंद्रावन यादव, जुगराज यादव, बड्डू यादव, उमेश यादव और विशाल यादव ने घेरकर हमला कर दिया। ओंकार को गिराकर धारदार हथियारों से ताबड़तोड़ वार किए गए। गर्दन और शरीर के अन्य हिस्सों में गंभीर चोटें लगने से उसकी मौके पर ही मौत हो गई। सूचना पर पुलिस मौके पर पहुंची और शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा। लेकिन शव परिजनों ने स्वीकार तो किया, पर अंतिम संस्कार से मना कर दिया।
पोस्टमार्टम के बाद आक्रोशित परिजनों और ग्रामीणों ने रहली-जबलपुर मार्ग पर शव रखकर चक्काजाम कर दिया। उनकी मांग थी कि आरोपियों को तत्काल गिरफ्तार किया जाए और उनके घरों को तोड़ा जाए। प्रदर्शनकारियों की मांग पर रहली विधायक गोपाल भार्गव के पुत्र अभिषेक भार्गव मौके पर पहुंचे और पीड़ित परिवार को 1 लाख रुपये की आर्थिक मदद दी। शाम करीब 6 बजे तक चले प्रदर्शन को पुलिस ने सख्ती से समाप्त कराया।
रहली एसडीओपी प्रकाश मिश्रा ने बताया कि पुलिस ने तेजी से कार्रवाई करते हुए हत्या के 5 आरोपियों में से 4 को गिरफ्तार कर लिया है। एक आरोपी फरार है, जिसकी तलाश जारी है। एसडीओपी ने कहा कि मामले की जांच हर बिंदु पर की जा रही है और आरोपियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
वहीं, मृतक ओंकार अहिरवार के परिजनों का कहना है कि यह कोई सामान्य विवाद नहीं था, बल्कि पूर्व नियोजित हत्या थी। उनका आरोप है कि स्थानीय प्रशासन दबाव में काम कर रहा है और यदि सख्त कदम नहीं उठाए गए तो वे अंतिम संस्कार नहीं करेंगे। ग्रामीणों का कहना है कि यह हमला सिर्फ ओंकार पर नहीं, पूरे दलित समाज की आवाज को दबाने की कोशिश है। इसलिए वे आरोपियों के घर तोड़ने, फास्ट ट्रैक कोर्ट में केस चलाने और पीड़ित परिवार को सुरक्षा देने की मांग कर रहे हैं।