जनतंत्र, मध्यप्रदेश, श्रुति घुरैया:
12 जून की दोपहर को भारत ने वो मंजर देखा, जिसे भूलना आसान नहीं होगा। अहमदाबाद से लंदन जा रही एयर इंडिया की फ्लाइट AI-171, जिसमें 229 यात्री, 10 केबिन क्रू और 2 पायलट सवार थे, उड़ान भरने के कुछ ही मिनटों बाद क्रैश हो गई। यह 787-8 बोइंग ड्रीमलाइनर विमान बीजे मेडिकल कॉलेज एंड सिविल हॉस्पिटल के हॉस्टल की इमारत से टकरा गया, जिससे ना सिर्फ विमान के यात्री मारे गए, बल्कि ज़मीन पर मौजूद छात्र और स्थानीय लोग भी इस त्रासदी का शिकार बने। कुल मिलाकर इस हादसे में अब तक 275 लोगों की मौत की पुष्टि हो चुकी है — जो कि देश के विमानन इतिहास की सबसे बड़ी त्रासदियों में से एक है। हादसे में सिर्फ एक व्यक्ति की जान बची है।
चार दिन बीतने के बाद भी इस दुर्घटना की पीड़ा हर उस घर में महसूस की जा रही है, जो किसी न किसी तरह से इससे जुड़ा था। सिविल अस्पताल में 250 शवों के DNA सैंपल लिए गए, जिनमें से अब तक 99 का मिलान हो चुका है और 64 शवों को उनके परिजनों को सौंपा जा चुका है। इन शवों को कड़ी सुरक्षा के साथ एम्बुलेंस के ज़रिए उनके गृहनगर रवाना किया जा रहा है। हर शव अपने पीछे एक टूटता हुआ परिवार, अधूरा सपना और अंतहीन दुख छोड़ गया है।
इस दर्दनाक हादसे में गुजरात के पूर्व मुख्यमंत्री विजय रूपाणी की भी मौत की पुष्टि हुई है। उनके शव को तिरंगे में लपेटकर पूरे सम्मान के साथ पोस्टमॉर्टम रूम से बाहर लाया गया। रविवार को उनका पार्थिव शरीर चार्टर्ड विमान से राजकोट ले जाया गया, जहां दोपहर 3 बजे अंतिम संस्कार किया जाएगा। गृह मंत्री अमित शाह उनके अंतिम संस्कार में सम्मिलित होंगे। राजकोट पुलिस ने उन्हें गार्ड ऑफ ऑनर देने के लिए पूरे मार्ग पर रिहर्सल की है। उनके परिवार के सदस्य — पत्नी अंजलि रूपाणी, पुत्र ऋषभ और पुत्री राधिका, अस्पताल पहुंच चुके हैं।
इस भयावह हादसे के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के चीफ सेक्रेटरी डॉ. पीके मिश्रा ने दुर्घटनास्थल का दौरा किया और सिविल अस्पताल में घायलों से मुलाकात की। इसके बाद उन्होंने केंद्र और राज्य सरकार के अधिकारियों, एयरक्राफ्ट एक्सिडेंट इन्वेस्टिगेशन ब्यूरो (AAIB) और एयरपोर्ट अथॉरिटी के साथ समीक्षा बैठक की। हादसे की जांच में तेजी आई है क्योंकि अब विमान का फ्लाइट डेटा रिकॉर्डर (FDR) और कॉकपिट वॉयस रिकॉर्डर (CVR) यानी ब्लैक बॉक्स मिल चुका है। इससे उम्मीद है कि दुर्घटना की असली वजह जल्द सामने आ सकेगी। सोमवार को मलबा हटाते समय एक और शव और वॉयस रिकॉर्डर विमान के पिछले हिस्से में मिला, जिसे AAIB को सौंप दिया गया है।
इस हादसे ने कई परिवारों को एक झटके में तोड़ दिया। अहमदाबाद के प्रसिद्ध फिल्ममेकर महेश कलावड़िया लापता हैं। उनकी पत्नी हेतल ने उनके गायब होने के बाद डीएनए सैंपल जमा करवाया है। उनका मोबाइल क्रैश साइट से 700 मीटर दूर बंद हुआ था। परिवार अब उम्मीद और डर के बीच झूल रहा है कि शायद उनका भी नाम इस सूची में न जुड़ जाए।
सिविल अस्पताल में डॉ. रजनीश पटेल के अनुसार, 92 DNA सैंपल मैच हुए हैं, लेकिन इनमें से कई सैंपल एक ही व्यक्ति के शरीर के अलग-अलग हिस्सों से हैं, जिससे साफ होता है कि शरीर किस तरह क्षत-विक्षत हुए थे। अब तक असल में 87 शवों की पहचान हो चुकी है और 47 शव उनके गृहनगर भेजे जा चुके हैं — जिनमें खेड़ा, वडोदरा, जूनागढ़, मेहसाणा, भावनगर, कोटा और अन्य शामिल हैं।
रेस्क्यू ऑपरेशन में SDRF के जवानों ने असाधारण साहस दिखाया। अधिकारी शीतल गुजर ने बताया कि हादसे के बाद इमारत में घुसना बेहद खतरनाक था, क्योंकि तापमान बहुत ज्यादा था और कई जगह आग लगी हुई थी। फिर भी ऑक्सीजन मास्क पहनकर, हाथों को गीले कपड़ों से लपेटकर वे अंदर गए और कई शवों को बाहर निकाला। इस दौरान कई रेस्क्यू कर्मियों को हाथ-पैर जलने की चोटें भी आईं। RSS ने तुरंत ब्लड वैन का इंतज़ाम किया और प्रशासन को आधे घंटे के अंदर 20-30 अतिरिक्त एम्बुलेंस उपलब्ध करवा दी गईं। सभी पीड़ितों के शव अब हॉस्टल से बरामद कर लिए गए हैं।
अस्पताल प्रशासन ने शवों की जानकारी देने के लिए कई मोबाइल नंबर जारी किए हैं, ताकि परिजनों को अधिकृत जानकारी मिल सके और अफवाहों से बचा जा सके। शवों की पुष्टि सिर्फ DNA टेस्ट के आधार पर की जा रही है।
इस त्रासदी में मारे गए लोगों के परिजनों की मदद के लिए राहत आयुक्त आलोक कुमार पांडेय ने बताया कि 230 टीमें बनाई गई हैं, जो परिजनों को गांव तक पहुंचाएंगी और अंतिम संस्कार तक साथ रहेंगी। एयर इंडिया ने भी सभी प्रभावित परिवारों को हर संभव मदद का आश्वासन दिया है। कंपनी की ओर से बताया गया कि अहमदाबाद में 400 से अधिक मृतकों के परिजन पहुंचे हैं और हर परिवार को एक व्यक्तिगत केयरटेकर सौंपा गया है, जो ज़मीन से लेकर अंतिम क्रिया तक हर जरूरत का ख्याल रखेगा।