जनतंत्र, मध्यप्रदेश, श्रुति घुरैया:
मध्यप्रदेश में इस समय मौसम दो चरम पर खड़ा है—एक ओर भीषण गर्मी लोगों को झुलसा रही है, तो दूसरी ओर कुछ जिलों में तेज आंधी और बारिश से कहर मचा हुआ है। मौसम विभाग ने संकेत दिए हैं कि दक्षिण-पश्चिम मानसून की एंट्री 14 या 15 जून तक प्रदेश में हो सकती है। लेकिन इससे पहले 12 और 13 जून को प्रदेश को भीषण लू की चपेट में रहना होगा। खासतौर पर ग्वालियर, चंबल और सागर संभाग के 12 जिलों में लू का रेड और ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है।
गुरुवार को जिन 7 जिलों में ऑरेंज अलर्ट जारी है, वे हैं – भिंड, मुरैना, श्योपुर, दतिया, निवाड़ी, टीकमगढ़ और छतरपुर। बुधवार को भी गर्मी ने पिछले सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए। नौगांव (छतरपुर) 44.8°C के साथ सबसे गर्म रहा। इसके अलावा गुना में 44.5°C, ग्वालियर और शाजापुर में 44.2°C, शिवपुरी और टीकमगढ़ में 44°C तापमान दर्ज हुआ। भोपाल में 42.6°C, इंदौर 41.6°C, उज्जैन 42.8°C और जबलपुर 40.6°C तक पहुंच गया।
हालांकि, शाम होते ही कई जगहों पर मौसम ने अचानक करवट ली। भोपाल में रात 9 बजे के करीब तेज हवाएं और बारिश शुरू हुई, जिसने झुलसाती गर्मी से राहत तो दी, लेकिन आंधी-तूफान के साथ भारी नुकसान भी कर दिया। भोपाल में लगभग 100 जगहों पर पेड़ और टहनियां गिर गईं, जिससे कई इलाकों में ट्रैफिक जाम और बिजली गुल की समस्या बनी रही। शाहपुरा समेत 50 से ज्यादा कॉलोनियों में पूरी रात अंधेरा छाया रहा।
सबसे बड़ा हादसा हुआ भोपाल के रानी कमलापति रेलवे स्टेशन पर, जहां तेज हवाओं से पुरानी बिल्डिंग के दो छज्जे भरभराकर गिर पड़े। हादसा रात 9 बजे के आसपास हुआ। गिरते हुए छज्जों से स्टेशन के बाहर स्थित रेस्टोरेंट और प्लेटफॉर्म नंबर 5 पर लगे विज्ञापन बोर्ड और कांच भी टूट गए। गनीमत रही कि इस हादसे में कोई घायल नहीं हुआ।
प्रदेश में कई अन्य जिलों – टीकमगढ़ के मऊ घाट, विदिशा, रायसेन, बैतूल, रतलाम, उज्जैन, बुरहानपुर, पन्ना और हरदा में भी गरज-चमक के साथ बारिश हुई। मऊ घाट में तो चने के आकार के ओले भी गिरे। मौसम की ये तेजी बता रही है कि मानसून अब दरवाजे पर है।
मौसम विभाग का कहना है कि 12 और 13 जून को ग्वालियर, चंबल, उज्जैन और सागर संभाग के कई जिलों में लू का कहर जारी रहेगा। वहीं, भोपाल, विदिशा, रायसेन, शाजापुर, बैतूल, हरदा, देवास, नर्मदापुरम, छिंदवाड़ा, सिवनी, बालाघाट, मंडला, डिंडोरी, उमरिया, शहडोल और अनूपपुर में आंधी-बारिश का अलर्ट जारी किया गया है।
प्रदेश में 26 अप्रैल से लगातार मौसम का मिजाज बिगड़ा हुआ है। 43 दिनों तक कभी आंधी, कभी बारिश का सिलसिला जारी रहा। 7 जून को कुछ राहत के बाद 8 जून से फिर से बारिश और हवाएं लौट आईं। मौसम विभाग के अनुसार, मानसून इस बार सामान्य तिथि (15 जून) पर ही मध्यप्रदेश में प्रवेश करेगा, जबकि पिछले साल यह 21 जून को आया था।
फिलहाल मानसून महाराष्ट्र और छत्तीसगढ़ में अटका हुआ है, लेकिन बुधवार को इसमें हलचल दिखी है। मौसम वैज्ञानिकों ने अनुमान जताया है कि 14 या 15 जून को मानसून पूरे मध्यप्रदेश को भिगो सकता है।