जनतंत्र, मध्यप्रदेश, श्रुति घुरैया:
मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने आगामी जून माह को प्रदेश और राष्ट्र के लिए तीन ऐतिहासिक तिथियों का प्रतीक बताते हुए इन तिथियों से जुड़े कार्यक्रमों और अभियानों की व्यापक जानकारी दी है। उन्होंने नई दिल्ली में मीडिया से चर्चा करते हुए कहा कि यह तीन तिथियाँ — 5 जून, 9 जून और 25 जून — देश की पर्यावरणीय चेतना, लोकतांत्रिक मूल्यों और विकास की दिशा में मजबूती से उठाए गए कदमों की प्रतीक बनेंगी।
मुख्यमंत्री ने बताया कि 5 जून को विश्व पर्यावरण दिवस है और यह दिन मध्यप्रदेश के लिए विशेष महत्व रखता है, क्योंकि इसी दिन राज्य सरकार द्वारा चलाए जा रहे जल गंगा संवर्धन अभियान को और गति मिलेगी। यह अभियान 30 मार्च को गुड़ी पड़वा से औपचारिक रूप से प्रारंभ हुआ था और यह 30 जून तक चलने वाला एक समर्पित जन-आंदोलन है। मुख्यमंत्री ने बताया कि जल संरक्षण, नदियों की स्वच्छता और पारंपरिक जल स्त्रोतों के पुनर्जीवन को लेकर जनप्रतिनिधियों, आम नागरिकों, सामाजिक संगठनों और युवाओं की भागीदारी से यह अभियान एक सामूहिक जन-जागरण अभियान बन चुका है। पर्यावरण दिवस के अवसर पर राज्यभर में वृक्षारोपण, नदी तटों की सफाई, जल स्रोतों के संरक्षण और पर्यावरणीय जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे।
इसके पश्चात 9 जून की तिथि का उल्लेख करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि यह दिन देश की राजनीति और प्रशासनिक इतिहास में एक विशेष मील का पत्थर है क्योंकि इस दिन प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी की सरकार के 11 वर्ष पूरे हो रहे हैं। उन्होंने प्रधानमंत्री को लगातार तीन कार्यकालों के लिए देश की बागडोर संभालने और अनेक ऐतिहासिक निर्णयों के लिए राष्ट्रनायक की उपाधि देते हुए कहा कि प्रधानमंत्री मोदी का नेतृत्व भारत के सामरिक, सामाजिक और आर्थिक परिदृश्य में ऐतिहासिक परिवर्तन लाया है।
डॉ. यादव ने कहा कि ट्रिपल तलाक का खात्मा, सर्जिकल स्ट्राइक, एयर स्ट्राइक, ऑपरेशन सिंदूर, सीमा पर चीन का सामना, जीएसटी जैसी कर सुधार व्यवस्था, और भारत को दुनिया की चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनाना – ये सभी उपलब्धियाँ इस बात का प्रमाण हैं कि प्रधानमंत्री जी का नेतृत्व राष्ट्रहित के लिए समर्पित है। मध्यप्रदेश में इस उपलब्धि के उपलक्ष्य में विभिन्न विकासमूलक और जन-कल्याणकारी कार्यक्रमों का आयोजन किया जाएगा।
मुख्यमंत्री ने चर्चा में 25 जून की ऐतिहासिकता को रेखांकित करते हुए कहा कि यह तिथि भारतीय लोकतंत्र के इतिहास में ‘काले अध्याय’ के रूप में दर्ज है, जब 1975 में देश में आपातकाल लगाया गया था। उन्होंने कहा कि लोकतंत्र की हत्या और संविधानिक अधिकारों के दमन के उस दौर को आज भी देशवासी नहीं भूले हैं। लेकिन यह भी उतना ही सत्य है कि जनता ने संगठित प्रतिकार कर लोकतंत्र को पुनः स्थापित किया। मुख्यमंत्री ने बताया कि 25 जून को राज्यभर में लोकतंत्र की रक्षा और उसकी महत्ता को लेकर विशेष कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे, ताकि युवा पीढ़ी को लोकतांत्रिक मूल्यों की कीमत और महत्व का बोध कराया जा सके।
इन ऐतिहासिक तिथियों के साथ-साथ मुख्यमंत्री ने यह भी जानकारी दी कि 26 मई को नरसिंहपुर में कृषि उद्योग समागम 2025 का आयोजन किया जा रहा है, जिसमें देश के उपराष्ट्रपति श्री जगदीप धनखड़ विशेष रूप से उपस्थित रहेंगे। यह समागम राज्य सरकार के “उद्योग एवं रोजगार वर्ष” के अंतर्गत किसानों को दी जा रही एक महत्वपूर्ण सौगात है। मुख्यमंत्री ने कहा कि मध्यप्रदेश की कृषि आधारित अर्थव्यवस्था को प्रोसेसिंग, नवाचार और तकनीकी उन्नयन से जोड़ने के लिए यह समागम एक बड़ा मंच बनेगा।
नरसिंहपुर में होने वाला यह त्रि-दिवसीय समागम किसानों के लिए आधुनिक कृषि यंत्रों, एग्री-ड्रोन, एआई आधारित उपकरणों, जैविक व प्राकृतिक खेती के मॉडल, और विभिन्न सरकारी योजनाओं की जानकारी का समग्र स्रोत बनेगा। मुख्यमंत्री ने बताया कि इस समागम में कृषि निवेशकों, कृषि नवाचार कंपनियों, एफपीओ, किसान संगठनों और नीति निर्माताओं के बीच सीधा संवाद होगा, जिससे न केवल किसानों को नौकरी और रोजगार के अवसर प्राप्त होंगे, बल्कि प्रदेश में नए कृषि उद्योगों की स्थापना की संभावनाएं भी मजबूत होंगी।
मुख्यमंत्री ने समापन में कहा कि जून माह मध्यप्रदेश और देश के लिए एक नई दिशा, नया उत्साह और विकास के नए अध्याय का आरंभ करने जा रहा है। उन्होंने प्रदेशवासियों से आग्रह किया कि वे इन सभी आयोजनों में सक्रिय सहभागिता करें, जिससे प्रदेश को एक नई ऊंचाई तक पहुंचाया जा सके।