महाकुंभ का 17वां दिन: अमृत स्नान जारी, साधु-संत संगम की ओर रवाना; सुरक्षा के लिए तैनात RAF और पुलिस

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जनतंत्र, मध्यप्रदेश, श्रुति घुरैया:

प्रयागराज के संगम तट पर मंगलवार और बुधवार की रात करीब डेढ़ बजे एक बड़े हादसे ने महाकुंभ के माहौल को गमगीन कर दिया। भगदड़ की इस घटना में 20 से ज्यादा श्रद्धालुओं की जान चली गई और 50 से अधिक लोग घायल हो गए। यह घटना तब हुई जब मौनी अमावस्या के दिन लाखों श्रद्धालु संगम में डुबकी लगाने पहुंचे थे। इस हादसे के बाद अखाड़ों के साधु-संतों ने पहले तय किया था कि वे मौनी अमावस्या पर स्नान नहीं करेंगे।

बता दें, आज महाकुंभ में मौनी अमावस्या का दूसरा अमृत स्नान है। ऐसे में संगम तट पर सुबह 9 बजे तक 3.61 करोड़ से ज्यादा श्रद्धालु स्नान कर चुके थे, और महाकुंभ मेला और प्रयागराज शहर में इस समय 10 करोड़ से ज्यादा श्रद्धालु मौजूद हैं। इसी बीच देर रात जब भगदड़ की घटना हुई तो प्रशासन ने तुरंत अखाड़ों से अपील की कि वे स्नान के लिए न जाएं। इसके बाद सभी अखाड़ों के साधु-संत शिविर में लौट आए और स्थिति की गंभीरता को देखते हुए उन्होंने स्नान के आयोजन को स्थगित करने का फैसला लिया।

हालांकि, बाद में स्थिति सामान्य होने के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अखाड़ों से बात की और संतों को अमृत स्नान के लिए राजी किया। जिसके बाद साधु-संत रथ और गाड़ियों में सवार होकर अमृत स्नान के लिए संगम की ओर बढ़ रहे हैं, और रास्ते में सुरक्षा के लिए RAF और पुलिस तैनात हैं। वहीं, अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत रवींद्र पुरी ने बताया, “हम अपने देवता के साथ सांकेतिक अमृत स्नान करेंगे, कोई बड़ा जुलूस नहीं निकाला जाएगा।”

घटना के बाद प्रशासन ने पूरी कोशिश की है कि श्रद्धालुओं की संख्या को नियंत्रित किया जाए। प्रशासन ने घाटों पर स्नान करने के बाद श्रद्धालुओं को वापस भेजने का निर्णय लिया है। संगम सहित अन्य घाटों पर सुरक्षा व्यवस्था को चाक-चौबंद किया गया है और 60 हजार से ज्यादा सुरक्षा जवानों की तैनाती की गई है।

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