प्रयागराज की संगम नगरी में इस समय महाकुंभ मेला चल रहा है। यहां एक तरफ साधु-संत अपने आध्यात्मिक अनुभवों को साझा कर रहे हैं, तो वहीं दूसरी तरफ कुछ अद्भुत रूपों में ढले साधु भी श्रद्धालुओं का ध्यान आकर्षित कर रहे हैं। इन्हीं में से एक हैं गोल्डन बाबा, जिनका रूप और साधना महाकुंभ में चर्चा का विषय बन चुका है।
गोल्डन बाबा का असली नाम एसके नारायण गिरी जी महाराज है और वे केरल के निवासी हैं, जो अब दिल्ली में रहते हैं। गोल्डन बाबा निरंजनी अखाड़े से जुड़े हुए हैं, और बाबा लगभग 4 किलो सोने के आभूषण पहनते हैं, जिनमें अंगूठियां, कंगन, घड़ी, और एक सोने की छड़ी शामिल है। यह आभूषण केवल शोभा के लिए नहीं हैं, बल्कि उनके अनुसार, यह उनकी आध्यात्मिक साधना और गुरु के प्रति समर्पण का प्रतीक हैं। बाबा का मानना है कि उनके आभूषणों में आध्यात्मिक ऊर्जा समाई हुई है, जो उन्हें अपने आध्यात्मिक पथ पर मार्गदर्शन करती है।
67 वर्षीय गोल्डन बाबा के पास 6 सोने के लॉकेट हैं, जिनसे करीब 20 मालाएं बनाई जा सकती हैं। बाबा के मोबाइल पर भी सोने का कवर है, जो उनके अनोखे अंदाज को और भी दिलचस्प बनाता है। गोल्डन बाबा का मानना है कि धर्म और शिक्षा को साथ लेकर चलने से समाज में सकारात्मक परिवर्तन लाया जा सकता है।
महाकुंभ में जहां भी बाबा जाते हैं, श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उन्हें देखने के लिए उमड़ पड़ती है। गोल्डन बाबा का कहना है कि उनका सोने से सजा रूप केवल दिखावा नहीं, बल्कि यह उनकी साधना और भक्ति का प्रतीक है। वे मानते हैं कि धर्म और शिक्षा का संगम समाज में सकारात्मक परिवर्तन ला सकता है।