केंद्र सरकार ने एक अहम फैसला लेते हुए राष्ट्रीय राजमार्ग परियोजना का ठेका समाप्त होने के बाद भी 100 फीसदी टोल टैक्स लेने का फैसला किया है। इसके अलावा, उक्त टोल कंपनियों को प्रति वर्ष टैक्स में थोक मूल्य सूचकांक (डब्ल्यूपीआई) के अनुपात टैक्स की दरें बढ़ाने का अधिकार होगा। वर्तमान व्यवस्था में राजमार्ग परियोजना का ठेका समाप्त होने के पश्चात टोल टैक्स की दरों में 40 फीसदी की कमी कर दी जाती है। लेकिन, अब सड़क यात्रियों को यह रियायत नहीं मिलेगी।
सरकार ने बनाई थी पे एंड यूज नीति की योजना
केंद्र ने 2018 में पुरानी टोल टैक्स नीति के स्थान पर पे एंड यूज नीति लागू करने की योजना बनाई थी। इसमें सड़क यात्री राष्ट्रीय राजमार्ग पर जिनती दूरी तय करेगा उतना टैक्स देना होगा। वर्तमान में प्रत्येक 60 किलोमीटर पर टोल प्लाजा है और बीच के यात्रियों को पूरा टोल देना पड़ता है। इसको देखते हुए सरकार पे एंड यूज नीति लागू करने की तैयारी कर रही थी, लेकिन 5 साल बीतने के बाद भी इस नीति को आज तक लागू नहीं किया जा सका है। विश्व के अन्य देशों में उक्त नीति के तहत टोल लिया जाता है।