उज्जैन। आप ने मंदिरों में देवी-देवताओं की प्रतिमाएँ तो बहुत देखी होंगी, लेकिन क्या आपने कभी ऐसा मंदिर देखा है जहाँ एक ही जगह परमवीर चक्र विजेता सैनिकों से लेकर नेताजी सुभाषचंद्र बोस, महात्मा गांधी, रवींद्रनाथ टैगोर और मदर टेरेसा तक सबको सम्मान मिला हो?
जी हाँ, उज्जैन के नरसिंह घाट के पास स्थित भारत सेवक मंदिर अपनी अनोखी पहचान के कारण देशभर में अलग ही स्थान रखता है।
🪖 21 परमवीर चक्र विजेताओं को श्रद्धांजलि
इस मंदिर में सबसे पहले देश के 21 परमवीर चक्र प्राप्त सैनिकों की प्रतिमाएँ स्थापित की गई हैं। हर प्रतिमा सिर्फ मूर्ति नहीं, बल्कि एक कहानी कहती है—वीरता, त्याग और मातृभूमि के लिए बलिदान की।
🎓 शिक्षा–संस्कृति–राजनीति का संगम
सैनिकों के साथ ही यहाँ देश की आत्मा को दिशा देने वाले महापुरुष भी हैं—
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शिक्षा: डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन
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साहित्य: रवींद्रनाथ टैगोर
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संविधान: डॉ. भीमराव अंबेडकर
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नेतृत्व: महात्मा गांधी, सुभाषचंद्र बोस, जवाहरलाल नेहरू, डॉ. राजेन्द्र प्रसाद
इतना ही नहीं, यहाँ प्रथम लोकसभा अध्यक्ष मावलणकर, प्रथम महिला राष्ट्रपति प्रतिभा पाटिल और प्रथम महिला प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की प्रतिमाएँ भी मौजूद हैं।
🏆 खेल और सिनेमा को भी सम्मान
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खेल जगत: हॉकी के जादूगर मेजर ध्यानचंद
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सिने जगत: भारतीय सिनेमा के जनक दादा साहेब फाल्के
इनकी प्रतिमाएँ बताती हैं कि देश सेवा केवल युद्धभूमि पर ही नहीं, बल्कि खेल और कला के मैदान में भी होती है।
🕉️ 12 ज्योतिर्लिंग का दर्शन
विशेष बात यह है कि मंदिर में भारत के 12 ज्योतिर्लिंगों को नक्शे पर दर्शाया गया है। यानी एक ही स्थान पर देश की वीरता, संस्कृति और आस्था का संगम देखने को मिलता है।
👨👩👧👦 परिवार कर रहा देखभाल
इस अद्वितीय मंदिर का निर्माण 2008 में रिटायर्ड जज दान सिंह चौधरी ने अपने निजी खर्च पर करवाया। उनका उद्देश्य था—टूटती हुई प्रतिमाओं को बचाना और आने वाली पीढ़ियों को देशभक्तों की गाथाएँ सुनाना।
आज उनके परिवार के सदस्य संजय कुमार चौधरी, सुनीता चौधरी, डॉ. रजनी चौधरी, डॉ. अनुराधा चौधरी, ज्योति चौधरी और प्रवीण चौधरी पूरे समर्पण से इसकी देखभाल कर रहे हैं।