कमर दर्द से पेनकिलर नहीं, योग दिलाएगा राहत! जानिए दो बेहद असरदार आसन जो बदल सकते हैं आपकी जिंदगी

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जनतंत्र, मध्यप्रदेश, श्रुति घुरैया:

आज की तेज रफ्तार और टेक्नोलॉजी पर निर्भर जिंदगी ने इंसान को जहां सुविधाएं दी हैं, वहीं शरीर को तमाम बीमारियों का घर भी बना दिया है। ऑफिस में घंटों एक ही मुद्रा में बैठना, मोबाइल और लैपटॉप पर लगातार झुके रहना या फिर एक्सरसाइज की कमी – इन सबका सबसे बड़ा शिकार बनती है हमारी कमर और रीढ़ की हड्डी। हालात ऐसे हैं कि आज युवा से लेकर बुजुर्ग तक, हर कोई कमर दर्द की शिकायत करता नजर आता है।

कई लोग इस समस्या से निजात पाने के लिए पेनकिलर्स और मांसपेशियों को ढीला करने वाली दवाओं का सहारा लेते हैं, लेकिन ये केवल कुछ समय के लिए राहत देती हैं और लंबे समय में शरीर को नुकसान भी पहुंचा सकती हैं। ऐसे में अगर आप कमर दर्द से स्थायी छुटकारा चाहते हैं, तो योग ही एकमात्र प्रभावी और सुरक्षित उपाय है।

योग न सिर्फ शरीर को लचीला और मजबूत बनाता है, बल्कि मानसिक तनाव को भी दूर करता है। खासकर भुजंगासन (Cobra Pose) और शलभासन (Locust Pose) जैसे आसनों को अगर आप रोजाना कुछ मिनट करें, तो कमर दर्द में चमत्कारिक राहत मिल सकती है।

भुजंगासन (Cobra Pose): रीढ़ की ताकत बढ़ाने वाला रामबाण

भुजंगासन करते समय शरीर को साँप की मुद्रा में ऊपर उठाया जाता है, जिससे रीढ़ की हड्डी में खिंचाव आता है और कमर की अकड़न धीरे-धीरे दूर होती है। यह आसन पेट की चर्बी घटाने में भी मददगार होता है।
कैसे करें:

  • पेट के बल लेटें और दोनों हाथों को कंधों के नीचे जमीन पर रखें।

  • सांस लेते हुए धीरे-धीरे छाती को ऊपर उठाएं और सिर को पीछे की ओर झुकाएं।

  • इस स्थिति में 20–30 सेकंड तक रहें और फिर धीरे-धीरे वापिस आएं।


 शलभासन (Locust Pose): कमर और जांघों को बनाए मजबूत

शलभासन में शरीर का निचला हिस्सा ऊपर उठाया जाता है, जिससे कमर की मांसपेशियां मजबूत होती हैं और रीढ़ लचीली बनती है
कैसे करें:

  • पेट के बल लेट जाएं और दोनों हाथ शरीर के पास रखें।

  • गहरी सांस लें और एक साथ दोनों पैरों को ऊपर उठाएं।

  • हो सके तो छाती और हाथों को भी थोड़ा ऊपर उठाएं।

  • इस स्थिति में 20–30 सेकंड रुकें और फिर वापिस आएं।

 कमर दर्द सिर्फ शारीरिक नहीं, मानसिक चुनौती भी

कमर दर्द जब लंबे समय तक बना रहता है, तो यह सिर्फ चलने-फिरने तक सीमित नहीं रहता, बल्कि व्यक्तिगत जीवन, काम और मानसिक संतुलन तक को प्रभावित करने लगता है। योग सिर्फ एक शारीरिक उपचार नहीं, बल्कि एक जीवनशैली है जो तन और मन दोनों को स्वस्थ बनाती है।

 डिस्क्लेमर:

यह जानकारी सामान्य स्वास्थ्य जागरूकता के उद्देश्य से दी गई है। यदि आपको किसी प्रकार की पुरानी चोट, गंभीर दर्द या स्वास्थ्य समस्या है, तो कोई भी योगाभ्यास शुरू करने से पहले अपने चिकित्सक से परामर्श अवश्य लें।

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