जनतंत्र, मध्यप्रदेश, श्रुति घुरैया:
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने आज इंदौर की ऐतिहासिक और सांस्कृतिक धरोहर के प्रतीक कमला नेहरू प्राणी संग्रहालय का भ्रमण किया। यह दौरा राज्य मंत्रिपरिषद की महत्वपूर्ण बैठक से ठीक पहले हुआ, जहां उन्होंने प्राणी संग्रहालय के संरक्षण कार्यों और जैव विविधता को बढ़ावा देने वाली पहलों का जायजा लिया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने इंदौरवासियों को एक अनूठी सौगात दी — कर्नाटक के पीलीकुला बायोलॉजिकल पार्क से लाए गए नर किंग कोबरा को प्राणी संग्रहालय के स्नैक पार्क में छोड़ा गया।
प्राकृतिक रूप से किंग कोबरा इंदौर क्षेत्र में नहीं पाया जाता, लेकिन इको-सिस्टम को समृद्ध करने के उद्देश्य से यह पहल की गई है। मुख्यमंत्री ने प्रबंधन द्वारा कोबरा के लिए बनाए गए आधुनिक और सुरक्षित आवास की खुलकर सराहना की। उनके निर्देश पर चिड़ियाघर में सर्प संरक्षण की दिशा में विशेष कार्य किए जा रहे हैं। यहां पहले से एक मादा किंग कोबरा मौजूद थी, लेकिन अब नर सर्प के आने से प्राकृतिक प्रजनन (ब्रीडिंग) की प्रक्रिया संभव हो सकेगी। यह जैव विविधता और इकोलॉजिकल बैलेंस के लिए बेहद लाभकारी साबित होगा।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने इस अवसर पर कहा कि किंग कोबरा न केवल एक विषैला सर्प है बल्कि प्रकृति का संतुलन बनाए रखने में उसकी महत्त्वपूर्ण भूमिका है। यह दुनिया का सबसे लंबा विषैला साँप है, जिसकी लंबाई 18 फीट तक हो सकती है। यह अपनी अद्वितीय बुद्धिमत्ता और परिस्थितियों के अनुसार शिकार रणनीति बदलने की क्षमता के लिए जाना जाता है। मादा किंग कोबरा अन्य सर्पों से अलग होती है, क्योंकि वह अंडों को घोंसले में सेती है, जो इसे और अधिक विशेष बनाता है। यही कारण है कि किंग कोबरा को किसानों का मित्र और जैविक संतुलन का रक्षक कहा जाता है।
इसके बाद मुख्यमंत्री ने प्राणी संग्रहालय में स्थित बर्ड पार्क का भी भ्रमण किया। उन्होंने यहां की पक्षी विविधता को बड़े ध्यान और श्रद्धा से देखा और अपने हाथों से पक्षियों को दाना भी खिलाया, जो उपस्थित दर्शकों और स्टाफ के लिए एक प्रेरणादायक दृश्य था। वे शुतुरमुर्ग, पॉकेट मंकी और अन्य प्रजातियों को देख कर भी अत्यंत प्रसन्न हुए।
मुख्यमंत्री के इस भ्रमण में उनके साथ इंदौर महापौर पुष्यमित्र भार्गव, चिड़ियाघर निदेशक डॉ. उत्तम यादव सहित अन्य जनप्रतिनिधि और वरिष्ठ अधिकारी भी मौजूद थे। डॉ. उत्तम यादव ने बताया कि मुख्यमंत्री के दिशा-निर्देशों के अनुसार आने वाले समय में चिड़ियाघर में जैव विविधता, पर्यावरणीय शिक्षा और इको-टूरिज्म को बढ़ावा देने के लिए नई योजनाएं और सुविधाएं विकसित की जाएंगी।