दुनिया की पहली डायबिटीज बार्बी: अब बच्चों की बीमारी भी बनेगी उनकी ताक़त, जानिए इससे जुड़ी खास बातें और सेहतमंद टिप्स

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जनतंत्र, मध्यप्रदेश, श्रुति घुरैया:

पूरी दुनिया में बार्बी डॉल्स को लेकर गज़ब का क्रेज है। नन्हीं बच्चियों के बचपन की यादों में रंग-बिरंगी बार्बी, उसके खूबसूरत कपड़े और खिलौनों की अलमारी हमेशा शामिल रहती है। लेकिन अब बार्बी सिर्फ खेलने का खिलौना नहीं, बल्कि बच्चों के जीवन में एक नई उम्मीद और हौसला भी बन रही है। दरअसल, मशहूर बार्बी बनाने वाली कंपनी मटेल (Mattel) ने हाल ही में एक अनोखी बार्बी लॉन्च की है — डायबिटीज बार्बी, जो खासतौर पर टाइप-1 डायबिटीज से जूझ रहे बच्चों को ध्यान में रखते हुए बनाई गई है।

इस नई डायबिटीज बार्बी को अमेरिका के वॉशिंगटन में आयोजित ‘ब्रेकथ्रू T1D चिल्ड्रन कांग्रेस’ में लॉन्च किया गया। कंपनी ने इंस्टाग्राम पर इस बार्बी का लुक और उसकी तस्वीरें भी शेयर की हैं। डायबिटीज से जूझ रहे बच्चे अब इस बार्बी में अपनी कहानी, अपनी दिनचर्या और अपने संघर्ष की झलक देख पाएंगे। इससे वे खुद को अकेला महसूस नहीं करेंगे और अपनी सेहत को लेकर पहले से ज्यादा सजग भी हो सकेंगे।

क्यों खास है डायबिटीज बार्बी?

बार्बी का यह नया एडिशन ‘2025 बार्बी फैशनिस्टा सीरीज़’ का हिस्सा है। इस डॉल ने नीले पोल्का डॉट्स वाला क्रॉप टॉप, फ्रिल्ड मिनी स्कर्ट और स्टाइलिश हील्स पहन रखी हैं। लेकिन सबसे बड़ी खासियत है – इसकी हेल्थ एक्सेसरीज। बार्बी की बाजू पर कंटीन्यूअस ग्लूकोज मॉनिटर (CGM) लगा है, कमर पर इंसुलिन पंप बंधा है और उसके बैग में इमरजेंसी स्नैक्स भी रखे जा सकते हैं। यही नहीं, नीले पोल्का डॉट्स डायबिटीज अवेयरनेस का भी प्रतीक हैं।

कंपनी की वरिष्ठ अधिकारी क्रिस्टा बर्गर ने बताया कि इस नई डॉल को लॉन्च करना सिर्फ बिज़नेस नहीं, बल्कि समाज के प्रति जिम्मेदारी का हिस्सा है। बार्बी से बच्चे अपनी कल्पना को आकार देते हैं और हम चाहते हैं कि हर बच्चा अपनी कहानी बार्बी में देख सके।

क्या है टाइप-1 डायबिटीज?

टाइप-1 डायबिटीज एक ऑटोइम्यून डिजीज है। इसमें शरीर का इम्यून सिस्टम गलती से पैंक्रियाज (अग्न्याशय) में इंसुलिन बनाने वाली बीटा सेल्स पर हमला कर देता है, जिससे शरीर में इंसुलिन बनना बंद हो जाता है। मरीज को जिंदगीभर इंसुलिन पंप या इंजेक्शन पर निर्भर रहना पड़ता है। बिना इंसुलिन के ब्लड शुगर काबू में नहीं रहता और कई गंभीर दिक्कतें हो सकती हैं।

टाइप-1 डायबिटीज बच्चों में क्यों बढ़ रही है?

➡ बदलती लाइफस्टाइल,
➡ पैकेज्ड फूड,
➡ जेनेटिक फैक्टर और
➡ कुछ वाइरल इंफेक्शन भी इसका कारण हो सकते हैं।
हालांकि इस पर रिसर्च जारी है।

टाइप-1 डायबिटीज में बच्चों के लिए 5 ज़रूरी हेल्थ टिप्स:

✅ समय पर ब्लड शुगर चेक करते रहें।
✅ डाइट में हाई फाइबर, प्रोटीन और लो ग्लाइसेमिक इंडेक्स वाले फूड शामिल करें।
✅ नियमित एक्सरसाइज और खेलकूद बेहद जरूरी है।
✅ डॉक्टर की सलाह के बिना कोई फूड या दवा न बदलें।
✅ बच्चे को हमेशा उसके बैग में ग्लूकोज टेबलेट या कोई मीठा स्नैक रखने को कहें, ताकि अचानक शुगर गिरने पर तुरंत काम आए।

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