जनतंत्र, मध्यप्रदेश, श्रुति घुरैया:
मध्यप्रदेश भाजपा को अपना नया प्रदेश अध्यक्ष मिलने में अब महज कुछ ही वक्त बाकी है। मंगलवार को इस पूरी तस्वीर का खुलासा हो जाएगा, जब शाम 4:30 बजे से प्रदेश भाजपा कार्यालय भोपाल में नामांकन की प्रक्रिया शुरू होगी। उम्मीदवार अपने नामांकन पत्र दाखिल करेंगे और इसके बाद नामांकन पत्रों की जांच और नाम वापसी के लिए दो घंटे का समय रखा गया है। हालांकि औपचारिक तौर पर निर्वाचन की घोषणा बुधवार को होगी, लेकिन राजनीतिक गलियारों में चर्चा जोरों पर है कि प्रदेश अध्यक्ष की रेस में कौन सबसे आगे है।
बीजेपी के इस महत्वपूर्ण कार्यक्रम के लिए केंद्रीय मंत्री और प्रदेश चुनाव अधिकारी धर्मेंद्र प्रधान मंगलवार शाम 4 बजे भोपाल पहुँचेंगे। उनके साथ संगठन चुनाव के अधिकारी विवेक शेजवलकर भी मौजूद रहेंगे। इस दौरान प्रदेश कार्यालय में जमकर गहमा-गहमी रहेगी। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव, पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया, डॉ. वीरेंद्र कुमार, डीडी उइके, सावित्री ठाकुर समेत पार्टी के तमाम दिग्गज, विधायक, सांसद, मंत्री, जिला अध्यक्ष और प्रतिनिधि मौजूद रहेंगे।
सूत्रों की मानें तो इस बार बीजेपी अपने पुराने ट्रेंड को दोहराते हुए संगठन में सामाजिक समीकरणों का विशेष ख्याल रख रही है। बताया जा रहा है कि बैतूल विधायक हेमंत खलखोड़े के नाम पर मुख्यमंत्री से लेकर संगठन और पार्टी में अंदरूनी तौर पर लगभग सहमति बन गई है। हेमंत के नाम को आदिवासी चेहरे के तौर पर मजबूत दावेदारी माना जा रहा है। वहीं आदिवासी वर्ग से ही डीडी उइके, गजेंद्र सिंह पटेल और सुमेर सिंह सोलंकी के नाम भी चर्चा में हैं।
इसके अलावा ब्राह्मण वर्ग से भी दावेदारों की लंबी सूची है। पूर्व गृह मंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्रा, भोपाल सांसद आलोक शर्मा, विधायक रामेश्वर शर्मा और जबलपुर सांसद आशीष दुबे के नाम भी प्रदेश अध्यक्ष की दौड़ में शामिल हैं। हालांकि पार्टी सूत्र बताते हैं कि बीजेपी अक्सर अपने फैसलों से सबको चौंकाती आई है। बीते एक दशक में भाजपा शासित राज्यों में मुख्यमंत्रियों के चयन के दौरान कई चौंकाने वाले फैसले हुए हैं। ऐसे में मध्यप्रदेश में भी पार्टी अंतिम वक्त पर कोई नया या अप्रत्याशित चेहरा लाकर राजनीतिक समीकरणों को नया मोड़ दे सकती है।
देशभर में इस समय भाजपा के संगठनात्मक चुनाव चल रहे हैं। अब तक बीजेपी 14 राज्यों में अपने नए प्रदेश अध्यक्ष घोषित कर चुकी है। शुक्रवार 27 जून को भी पार्टी ने महाराष्ट्र, उत्तराखंड और पश्चिम बंगाल के लिए अपने प्रदेश चुनाव अधिकारियों की घोषणा की। महाराष्ट्र में केंद्रीय मंत्री किरन रिजिजू, उत्तराखंड में हर्ष मल्होत्रा और पश्चिम बंगाल में रविशंकर प्रसाद को यह जिम्मेदारी सौंपी गई है। इन सबके बाद कुल 19 राज्यों में प्रदेश अध्यक्षों के चुनाव पूरे होंगे और फिर भाजपा राष्ट्रीय अध्यक्ष के चुनाव की तरफ बढ़ेगी।
मध्यप्रदेश के अलावा उत्तरप्रदेश, गुजरात, पश्चिम बंगाल, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना और उत्तराखंड जैसे बड़े राज्यों में भी अब प्रदेश अध्यक्ष का चुनाव होना बाकी है। जबकि असम, सिक्किम, बिहार, अरुणाचल, चंडीगढ़, छत्तीसगढ़, गोवा, केरल, लक्ष्यद्वीप, मेघालय, नागालैंड, राजस्थान और जम्मू-कश्मीर में प्रदेश अध्यक्ष के चुनाव की प्रक्रिया पूरी हो चुकी है।
मंगलवार की शाम भाजपा के प्रदेश कार्यालय में राजनीतिक तापमान चरम पर रहेगा। सभी की निगाहें इस पर टिकी होंगी कि प्रदेश भाजपा की कमान किसके हाथ में जाती है। क्या हेमंत खलखोड़े की ताजपोशी होगी या भाजपा कोई ऐसा नाम सामने लाएगी जिससे सभी चौंक जाएँ? इन सभी सवालों के जवाब अब महज कुछ घंटों की दूरी पर हैं।